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निफ्टी की दशा-दिशा: मंगलवार 28 मार्च 2023 शुरुआती रुख↑ सुबह 8.15 बजे

 

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ब्याज आय

5 लाख तक की आय पर कोई रिटर्न नहीं

2011-06-23
By: अनिल रघुराज
On: June 23, 2011
In: काम की बात, बजट

अगर पिछले वित्त वर्ष 2010-11 में सारी कटौतियों के बाद वेतन और बैंक के बचत खाते से मिले 10,000 रुपए तक के ब्याज को जोड़कर आपकी करयोग्य आय 5 लाख रुपए तक है तो आपको 31 जुलाई 2011 की तारीख को लेकर परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि आकलन वर्ष 2011-12 से 5 लाख रुपए तक की आयवालों को टैक्स-रिटर्न भरने की बाध्यता से मुक्त कर दिया गया है। लेकिन अगर आप दो जगह नौकरीऔरऔर भी

निवेश – तथास्तु

  • वाजिब मूल्य बताता तीन सूत्रीय फॉर्मूला
    26 Mar 2023

    शेयर बाज़ार की चाल कभी इतनी सीधी-सच्ची नहीं होती कि उस पर आंख मूंदकर सवारी की जा सके। अजीब-सा पेंच है कि अक्सर अच्छे नतीजे घोषित करनेवाली कंपनियों के शेयर गिर जाते हैं, जबकि खराब नतीजे पेश करनेवाली कंपनियों के शेयर चढ़ जाते हैं। दिक्कत यह है कि हम भूल जाते हैं कि शेयरों के भाव और मूल्य, दो अलग-अलग चीजें हैं। लम्बे समय में भाव कंपनी के शेयर के मूल्य या अंतर्निहित मूल्य का पीछा करते […]

पेड सेवा

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क्या आप जानते हैं?

  • अमृतकाल है या विश्वास का संकटकाल

    दुनिया पर भले ही नई आर्थिक मंदी का संकट मंडरा रहा हो। लेकिन हमारा देश इंडिया यानी भारत इस वक्त भयंकर ही नहीं, भयावह विश्वास के संकट के दौर से गुजर रहा है। प्रधानमंत्री झूठ बोलते हैं। समूची सरकार और उसमें बैठी पार्टी के आला नेता झूठ बोलते हैं। सरकार का हर मंत्री झूठ बोलता …

अपनों से अपनी बात

  • साल में 41-112%, मिले है सिर्फ यहां!

    भारतीय अर्थव्यवस्था बढ़ रही है और आगे भी बढ़ेगी। लेकिन कहा जा रहा है कि इसका लाभ आम आदमी को पूरा नहीं मिलता। अमीर-गरीब की खाईं बढ़ रही है। बाज़ार को आंख मूंदकर गालियां दी जा रही हैं। लेकिन बाज़ार सचेत लोगों के लिए आय और दौलत के सृजन ही नहीं, वितरण का काम भी …

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जानिए

  • ज़ीरो-सम गेम नहीं है यह
  • ईटीएफ: चलो बाजार खरीद लें
  • मायने आईपीओ ग्रेडिंग के
  • जवाब कमोडिटी बाजार के

बूझिए

  • ओपन ऑफर, बायबैक, डीलिस्टिंग
  • इश्यू मूल्य और बुक बिल्डिंग
  • गुत्थी ऋण बाजार की
  • यह कासा बला क्या है?

आज़माइए

  • मोटामोटी दस बातें शेयरों की
  • गोल्ड ईटीएफ एक, दाम अनेक
  • न करें कम एनएवी का लालच
  • फायदे म्यूचुअल फंड निवेश के

क्या आप जानते हैं?

अमृतकाल है या विश्वास का संकटकाल

दुनिया पर भले ही नई आर्थिक मंदी का संकट मंडरा रहा हो। लेकिन हमारा देश इंडिया यानी भारत इस वक्त भयंकर ही नहीं, भयावह विश्वास के संकट के दौर से गुजर रहा है। प्रधानमंत्री झूठ बोलते हैं। समूची सरकार और उसमें बैठी पार्टी के आला नेता झूठ बोलते

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