इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जयप्रकाश एसोसिएट्स को 1380 मेगावॉट बिजली परियोजना के लिए जिले की करछना तहसील के छह गांवों में मिली 416 हेक्टेयर का आवंटन रद्द कर दिया, जबकि बारा तहसील में 1980 मेगावॉट बिजली परियोजना के लिए पांच गावों में 831 हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण को खारिज करने से मना कर दिया। हाईकोर्ट का यह फैसला बीते हफ्ते शुक्रवार को आया है। लेकिन राज्य में बदले राजनीतिक समीकरणों की रोशनी में इसे बहुत अहम माना जाऔरऔर भी

सरकारी कंपनी एनटीपीसी उत्तर प्रदेश में कानपुर के पास बिल्हौर में कोयला आधारित बिजली परियोजना लगाएगी। केंद्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल के चुनाव-क्षेत्र में पड़नेवाली इस परियोजना की अनुमानित लागत 6600 करोड़ रुपए है। इस पर जनवरी 2012 से काम शुरू हो जाने की उम्मीद है। कंपनी सूत्रों के मुताबिक इस ताप बिजली परियोजना की क्षमता 3120 मेगावॉट होगी। इस पर अगले साल जनवरी के पहले हफ्ते से काम शुरू हो जाएगा। हालांकि संयंत्र को कोयला आपूर्तिऔरऔर भी

लॉबीइंग और रिलायंस समूह का रिश्ता बहुत पुराना रहा है। यह काम धीरूभाई के जमाने से चला रहा है। लेकिन उनके छोटे बेटे अनिल अंबानी ने लगता है, इसे देश की सरहदों से बाहर पहुंचा दिया है। अमेरिका के पर्यावरण प्रेमी संगठनों ने आरोप लगाया है कि रिलायंस पावर ने मध्य प्रदेश में 3960 मेगावॉट की सासन बिजली परियोजना के लिए अमेरिकी एक्सपोर्ट इम्पोर्ट बैंक (यूएस एक्जिम बैंक) से 60 करोड़ डॉलर की ऋण गारंटी जबरदस्त लॉबीइंगऔरऔर भी