एक बार भोले शंकर ने दुनिया पर बड़ा भारी कोप किया। पार्वती को साक्षी बनाकर संकल्प किया कि जब तक यह दुष्ट दुनिया सुधरेगी नहीं, तब तक शंख नहीं बजाएंगे। शंकर भगवान शंख बजाएं तो बरसात हो। बरसात रुक गई। अकाल-दर-अकाल पड़े। पानी की बूंद तक नहीं बरसी। न किसी राजा के क्लेश व सन्ताप की सीमा रही और न किसी रंक की। दुनिया में त्राहिमाम-त्राहिमाम मच गया। लोगों ने मुंह में तिनका दबाकर खूब ही प्रायश्चितऔरऔर भी

सूरज की गरमी में धरती के गरमाने और रात होते ही धरती का ठंडा हो जाना एक प्रक्रिया है जिसमें धरती को चारों ओर से घेरे महासागर, धरती के तापमान का अंतरिक्ष में परावर्तन और रात अपनी-अपनी भूमिका निभाते हैं। पेड़-पौधे वैसे ही इस धरती पर अपने वजूद को बचाए रखने की लड़ाई लड़ रहे हैं। लेकिन हाल ही में कुछ ऐसी अध्ययन रिपोर्टें पेश की गई हैं जिनमें पौधों को धरती के विलेन के तौर परऔरऔर भी