जब हम भारत की बात करते हैं तो व्यापक अर्थों में उसका मतलब होता है वह भारत, जिसका राष्ट्रीय हितों से अलग अपना कोई निजी स्वार्थ नहीं है। न कोई राजनीतिक स्वार्थ और न ही आर्थिक स्वार्थ। इस अर्थ में देशी या विदेशी निजी कंपनियों के हाथों में राष्ट्रीय रणनीतिक व सामरिक महत्व के उद्योग-धंधे और कोयले जैसी भू-संपदा सौंपकर हम भारत को आत्मनिर्भर बनाने का दावा कतई नहीं कर सकते। ऐसा इसलिए कि जहां सरकार काऔरऔर भी

भारतीय मतदाता के दिल-दिमाग को झूठ और फरेब से भरे भावुक भाषणों से ही नहीं, कड़कते नोटों और जहरीले नशे से सम्मोहित करने का सिलसिला जारी है। चुनाव आयोग की तरफ से मिली आधिकारिक सूचना के मुताबिक 5 मार्च को आम चुनावों की घोषणा के बाद के तीन हफ्तों में देश भर से 190 करोड़ रुपए का कैश, 100 किलोग्राम हेरोइन और एक करोड़ लीटर शराब जब्त की गई है। यह सारा कुछ कारों, प्राइवेट विमानों, दूधऔरऔर भी

देश की राजनीति में सेवा भाव कब का खत्म हो चुका है। वो विशुद्ध रूप से धंधा बन चुकी है, वह भी जनधन की लूट का। इसे एक बार फिर साबित किया है गुजरात विधानसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों ने। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) की तरफ से सजाए गए आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक राज्य की नई विधानसभा में 99 विधायक ऐसे हैं जो 2007 में भी विधायक थे। इनकी औसत संपत्ति बीते पांच सालों में 2.20 करोड़औरऔर भी

बाबा रामदेव प्रकरण पर कांग्रेस और यूपीए सरकार में फजीहत झेल रहे मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्ब्ल अब धर्मगुरुओं को पटाने में जुट गए हैं। सोमवार को उन्होंने पुरी के शंकराचार्य अधोक्षानंद को दिल्ली बुलाकर मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद अधोक्षानंद ने बाबा रामदेव के खिलाफ सरकार की कार्रवाई का समर्थन किया। उन्होंने इस संकट का पूरा दोष योगगुरू पर लगाते हुए कहा कि उन्हें अब भगवा चोला त्याग देना चाहिए। पुरी के शंकराचार्य नेऔरऔर भी

शुक्रवार को पेश की गई आर्थिक समीक्षा 2010-11 में चौंकानेवाला तथ्य सामने लाया गया है कि जिस गुजरात को औद्योगिक निवेश खींचने में सबसे तेज माना जाता है, वहां हाल के दिनों में कामगारों की हड़ताल और दूसरी तरह की श्रमिक अशांति की घटनाएं सबसे ज्यादा हुई हैं। यह अशांति तमाम वित्तीय व अनुशासनिक मसलों को लेकर हुई है। आर्थिक समीक्षा का कहना है कि पूरे देश में श्रमिक अशांति के चलते मानव-दिवसों के नुकसान में 81औरऔर भी