हमें हर चीज का मूल्य दूसरों की नज़र से आंकना चाहिए। कोई चीज हो सकता है कि हमें मूल्यवान न लगे, लेकिन दूसरों के लिए वह बहुमूल्य हो सकती है। या, हमें मूल्यवान लगे और दूसरों को फालतू।और भीऔर भी

शब्दों के बिना विचारों की कनात नहीं तनती। रिश्तों की डोर न हों तो भावनाएं नहीं निखरतीं। औरों की नज़र न हो तो अपनी गलती का एहसास नहीं होता। विराट न हो तो शून्य सालता है, सजता नहीं।और भीऔर भी