इतने हथियार खरीदकर किस युद्ध की तैयारी! सेना पैदल, मस्ती दलालों की
देश की रक्षा कौन करेगा? हम करेंगे, हम करेंगे, हम करेंगे! गांवो, कस्बों और शहरों के हिंदी माध्यम स्कूलों में बच्चे यह नारा लगाकर ही बड़े होते हैं। कहीं और नौकरी नहीं मिली और सेना में भर्ती हो गए तो सीमा पर हंसते-हंसते शहीद हो जाते हैं। मां-बाप, बीवी-बच्चे बिखर जाते हैं, बिलखते जरूर हैं। पर घर-परिवार, नाते-रिश्तेदार उन पर गर्व करते हैं। इलाके में उनके नाम पर सड़क और विद्यालय बन जाते हैं। लेकिन भावना सेऔरऔर भी
सामाजिक सेवा का 17% मेवा हुजूर को!
मार्च में खत्म हो रहे वित्त वर्ष 2012-13 के आम बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य व प्रसारण जैसी सामाजिक सेवाओं पर 20,784 करोड़ रुपए के खर्च का प्रावधान है। यह देश की 121 करोड़ से ज्यादा आबादी के लिए है। वहीं, केंद्र सरकार राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री जैसे मुठ्ठी भर वीवीआईपी लोगों के लिए 12 हेलिकॉप्टर खरीदने का फैसला करती है, जिसकी लागत 3600 करोड़ रुपए है। यह रकम सामाजिक सेवाओं के व्यय की 17.32% बैठती है। भले हीऔरऔर भी
चले अर्थव्यवस्था या दलाली का दम
ईमानदार अर्थव्यवस्था में लोग पूरा दम लगाकर कठिन कठोर मेहनत करते हैं क्योंकि उन्हें मेहनत का फल पाने का यकीन होता है। वे अपनी तरफ से कोई कोर-कसर नहीं छोड़ते। जोखिम उठाते हैं। मौकों को हाथ से नहीं जाने देते। अंततः कुछ अपने उत्पाद और सेवा के दम पर कामयाब होते हैं तो कुछ किस्मत के दम पर। लेकिन कामयाबी और नाकामी में एक पैटर्न होता है। एक तरह की सच्चाई होती है। वहीं, जब अर्थव्यवस्था परऔरऔर भी
डीलर, ब्रोकर और दल्ले
मोटी-सी बात है कि प्रॉपर्टी डीलर भी दलाल है और शेयर ब्रोकर भी दलाल है। लेकिन शेयर ब्रोकर पूरी तरह नियंत्रित समुदाय है, सेबी उनकी एक-एक हरकत पर नजर रखती है। कम से कम कानून में तो ऐसा प्रावधान है ही, जबकि प्रॉपर्टी डीलर के व्यवसाय पर किसी का कोई अंकुश नहीं है। वे बेधड़क निवेशकों को गच्चा देते हैं। बड़ा क्रूर सच यह है कि महानगरों से बाहर निकलने पर आम शहरों में शेयर ब्रोकर भीऔरऔर भी
आईटी टाइब्यूनल ने फिर निकाला बोफोर्स का भूत
बोफोर्स का भूत एक बार फिर कांग्रेस के पीछे पड़ गया लगता है। एक आयकर ट्राइब्यूनल ने कहा है कि होवित्जर तोप सौदे में दिवंगत विन चड्ढा और इटली के व्यापारी ओत्तावियो क्वात्रोच्चि को 41 करोड़ रुपए की रिश्वत दी गई थी और ऐसी आमदनी पर भारत में उन पर कर देनदारी बनती है। आयकर अपीली ट्राइब्यूनल ने 98 पृष्ठों के आदेश में कहा कि इस संबंध में निष्क्रियता से यह अनचाही धारणा बन सकती है किऔरऔर भी