रिजर्व बैंक ने न केवल ब्याज दरें एक बार फिर बढ़ा दीं, बल्कि अब भी इसी रुख पर कायम है कि मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने के लिए वह आगे भी ऐसा कर सकता है। व्यावहारिक रूप से देखें तो ब्याज दरें बढ़ाकर मुद्रास्फीति को रोकने की सीमा और समय, दोनों ही अब समाप्त हो चुका है। वैसे भी बेहद कम गुंजाइश है कि दिसंबर में ब्याज दरें बढ़ाई जाएंगी क्योंकि तब तक अच्छे मानसून का असर सामनेऔरऔर भी

भारतीय रेल ने नए वित्त वर्ष 2011-12 में 57,630 करोड़ रुपए खर्च करने का निर्णय लिया है। यह किसी एक साल में रेलवे का अब तक का सबसे बड़ा आयोजना खर्च है। इस खर्च में से 20,000 करोड़ रुपए वित्त मंत्रालय से बजटीय सहयोग के रूप में मिलेंगे। भारतीय रेल अपने आंतरिक स्रोतों से 14,219 करोड़ रुपए लगाएगी। डीजल पर सेस या अधिभार से 1041 करोड़ रुपए मिलेंगे। निजी क्षेत्र की भागीदारी वाली पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप)औरऔर भी