बाजार की मनोदशा खराब चल रही है। फंड मैनेजर अब भी करीब 15 फीसदी करेक्शन या गिरावट की बात कर रहे हैं। इस सेटलमेंट में बहुत ही कम रोलओवर हुआ है। अगले महीने बजट आना है। मुद्रास्फीति की तलवार सिर पर लटकी है। ब्याज दरों का बढ़ना भी बड़ी चिंता है। इन सारी चिंताओं से घिरा निवेशक पास में कैश की गड्डी होने के बावजूद बाजार में नहीं घुसना चाहता। अमेरिकी बाजार इधर काफी बढ़ चुके हैंऔरऔर भी

यूं तो मुझे टेक्निकल एनालिसिस और उसके आधार पर शेयरों की चाल के बारे में की गई भविष्यवाणियों का कोई सिर-पैर नहीं समझ में आता। लेकिन आज मैं एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की फर्म के चुनिंदा टेक्निकल अनुमान पेश करना चाहता हूं। यह फर्म भारत व चीन पर खास ध्यान दे रही है और भारत में इसका वास्ता निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक से जुड़ी ब्रोकरेज फर्म से है। यह हर दिन अल-सुबह करीब 40-50 शेयरों कीऔरऔर भी