हां, सुबह-सुबह निफ्टी के वापस 5170 के करीब आ जाने के बाद थोड़ा करेक्शन तो होना ही था। निफ्टी बंद हुआ है कल से 6.95 अंकों की मामूली गिरावट के साथ 5133.25 पर। अब 5000 को नया धरातल मानकर चलें जहां से बाजार खुद को जमाने के बाद ऊपर की ओर कूच करेगा। वैसे, कितनी अजीब बात है कि जब बाजार बढ़ रहा है तो ट्रेडर व निवेशक सेटलमेंट की खतरनाक फांस को एकदम भूल ही गएऔरऔर भी

विश्व स्तर पर भी लगता है कि बद से बदतर हालात के असर को पूरी तरह जज्ब किया जा चुका है। ओवरसोल्ड हालत में पहुंच चुके दुनिया के शेयर बाजार से अब यहां से उठते चले जाएंगे। इस बीच भारतीय शेयर बाजार भी बेहद ओवरसोल्ड स्थिति में पहुंच गया है। डेरिवेटिव सौदों के रोलओवर में केवल सात दिन बचे हैं। इसलिए भारतीय बाजार की दिशा अब केवल बढ़ने की ही होनी है। इसी सेटलमेंट में निफ्टी 5500औरऔर भी

असली मायने-मतलब भरोसे का होता है। टेक्निकल एनालिस्ट बाधाएं खड़ी करते हैं क्योंकि इनका काम ही यही है। इंसानों का काम है उनके प्रतिरोध व बाधाओं को तोड़ देना। निफ्टी में 5660 प्रतिरोध का बहुत ही मजबूत स्तर था और किसी ने भी नहीं सोचा था कि यह स्तर टूट जाएगा और वो भी रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति की त्रैमासिक समीक्षा से ठीक पहले, खासकर तब, जब बाजार कमजोरी के साथ गिरकर खुला था। लेकिन दोऔरऔर भी

आखिरकार तेल की धार बह निकली। शुक्रवार को बाजार बंद होने के कई घंटे बाद केंद्र सरकार ने हिम्मत करके डीजल के दाम 3 रुपए प्रति लीटर, केरोसिन के दाम 2 रुपए प्रति लीटर और रसोई गैस का दाम 50 रुपए प्रति सिलेंडर बढ़ा दिया। साथ ही उसने कच्चे तेल पर कस्टम ड्यूटी एकदम हटा दी, पेट्रोलियम पदार्थों पर कस्टम ड्यूटी घटा दी और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी काफी कम कर दी। केंद्र सरकार को इससे 49,000औरऔर भी

अनिश्चितताओं का क्रम जारी है। बहुत से अनुत्तरित सवाल बाजार को डोलायमान किए हुए हैं। पिछले सेटलमेंट में सेंसेक्स 17,770 तक गिरने के बाद सुधरकर 18,600 पर आया ही था कि कुछ नई बुरी खबरों ने पटरा कर दिया। यकीनन, कच्चा तेल, मुद्रास्फीति और ब्याज दरों का बढ़ना जैसे पुराने मुद्दे बरकरार हैं। लेकिन इधर ग्रीस में फिर से उभरे ऋण संकट और अमेरिका में आई सुस्ती ने बाजार की मानसिकता को चोट पहुंचाई है। यहां तकऔरऔर भी

बाजार पलटकर उठा। सुबह-सुबह सेंसेक्स 18,672.65 और निफ्टी 5604.95 तक चला गया। निफ्टी का यूं 5600 के स्तर को पार करना बड़ी बात थी। लेकिन दोपहर बारह बजे के बाद बाजार अपनी बढ़त को बनाए नहीं रख। माना जा रहा था कि निफ्टी के 5580 के ऊपर पहुंचते ही टेक्निकल एनालिस्ट और बाजार के पंटर भाई लोग लांग होने या खरीद की भंगिमा अपनाने जा रहे हैं। लेकिन शर्त यही है कि निफ्टी को इससे ऊपर बंदऔरऔर भी

मैं नहीं जानता कि एफआईआई के तौर-तरीकों, उनके बर्ताव और बाजार की गति पर मैं हँसूं कि रोऊं? पिछले सेटलमेंट तक शोर था कि निफ्टी 5000 का स्तर तोड़कर नीचे चला जाएगा। बेचारे ट्रेडरों ने 5000 के पुट ऑप्शन खरीद डाले। ऐसा इसलिए भी हुआ क्योंकि एक प्रमुख विदेशी ब्रोकिंग हाउस ने अखबारों के जरिए सार्वजनिक तौर पर राय रखी थी कि पहले तीन महीने बाजार गिरेगा और उसके बाद 20 फीसदी बढ़ेगा। इस तरह के बयानऔरऔर भी

म्यूचुअल फंडों की तरफ से अपने एनएवी (शुद्ध आस्ति मूल्य) को संभालने की कवायत जारी है। निफ्टी 200 दिनों के मूविंग औसत (डीएमए) के साथ-साथ साधारण मूविंग औसत (एसएमए) को भी पार गया है जो अब बढ़त की दिशा पकड़ने का साफ संकेत दे रहा है। आज सेंसेक्स 19,000 और निफ्टी 5700 के ऊपर चला गया। बाजार आधा फीसदी से ज्यादा बढ़त लेकर बंद हुआ है। लेकिन मेरे सभी दोस्त अब भी निफ्टी के 4700 व 4800औरऔर भी