सरकार आखिरकार अण्णा हज़ारे के नेतृत्व में चल रहे भ्रष्टाचार विरोधी जन आंदोलन के आगे झुक गई लगती है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की चिट्ठी के बाद टीम अण्णा के साथ सरकार की बातचीत की राह खुल गई। लेकिन सरकार यहां भी अपनी चालाकी से बाज नहीं आई है। वह जन लोकपाल विधेयक को भी संसद की स्थाई समिति को सौपने को तैयार है। लेकिन स्थाई समिति के लिए अन्य तमाम सुझावों की तरह यह भी एक सुझावऔरऔर भी

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लंबे समय से आवाज उठाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अण्णा हजारे को लोकपाल विधेयक पर चर्चा करने के लिए आमंत्रित किया है। अन्ना हजारे ने सशक्त लोकपाल विधेयक बनाए जाने में सरकार के विफल होने की स्थिति में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर जाने की धमकी दे रखी है। प्रधानमंत्री कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री ने हजारे को इस विधेयक से संबंधित चर्चा के लिए बुलाया है। इस संबंध मेंऔरऔर भी