राह की तलाश
2012-03-04
दुनिया जंगल है और उसकी सारी राहें पत्तों से ढंकी हैं। बड़े होते ही मां-बाप का हाथ छोड़ राह की तलाश में जुट जाते हैं। सच्चा गुरु मिला तो मिल जाती है मंजिल। नहीं तो ताज़िंदगी भटकते रह जाते है।और भीऔर भी
मंजिल और मौका
2011-07-03
कोई कितना ही रोके, चलनेवाले तो अपनी मंजिल और मौका तलाश ही लेते हैं। पानी अपनी डगर बना ही लेता है। हमारा काम बस इतना है कि समाज में जंगल की निरंकुशता न पले, अराजकता न चले।और भीऔर भी