कोयले व लिग्नाइट की रॉयल्टी अब मूल्य पर
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने कोयला और लिग्नाइट पर मूल्य के आधार पर क्रमशः 14 फीसदी और 6 फीसदी रॉयल्टी लगाने की बात स्वीकार कर ली है। उसने यह फैसला कोयला मंत्रालय द्वारा गठित अध्ययन समूह की सिफारिशों के तहत किया है। अभी तक रॉयल्टी के लिए बड़ा ही मिश्रित किस्म का फार्मूला चलता रहा है। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने गुरुवार को अपनी बैठक में तय किया कि कोयले पर 14 फीसदी रॉयल्टी शुल्कऔरऔर भी
हीरा या कोयला
कार्बन तो वही है। लेकिन उसके परमाणुओं का अलग क्रम उसे हीरा बना देता है और ग्रेफाइट या कोयला भी। इसी तरह मूल तत्व हम सभी के अंदर वही हैं। सही ढाल दें को हीरा बन जाएं, नहीं तो कोयला।और भीऔर भी
एनटीपीसी कानपुर के पास लगाएगी 6600 करोड़ रुपए का बिजली संयंत्र
सरकारी कंपनी एनटीपीसी उत्तर प्रदेश में कानपुर के पास बिल्हौर में कोयला आधारित बिजली परियोजना लगाएगी। केंद्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल के चुनाव-क्षेत्र में पड़नेवाली इस परियोजना की अनुमानित लागत 6600 करोड़ रुपए है। इस पर जनवरी 2012 से काम शुरू हो जाने की उम्मीद है। कंपनी सूत्रों के मुताबिक इस ताप बिजली परियोजना की क्षमता 3120 मेगावॉट होगी। इस पर अगले साल जनवरी के पहले हफ्ते से काम शुरू हो जाएगा। हालांकि संयंत्र को कोयला आपूर्तिऔरऔर भी
मुद्रास्फीति का सच रिजर्व बैंक पर भारी
बढ़ती मुद्रास्फीति की हकीहत और चिंता रिजर्व बैंक पर भारी पड़ी है। इतनी कि मार्च की मुद्रास्फीति के लिए इसी जनवरी में 5.5 फीसदी से बढ़ाकर 7 फीसदी किया गया अनुमान उसने फिर बढ़ाकर 8 फीसदी कर दिया है। जाहिर है तब आर्थिक विकास के बजाय उसकी प्राथमिकता मुद्रास्फीति पर काबू पाना बन गया और इसके लिए उसने ब्याज दरों में 0.25 फीसदी वृद्धि कर दी है। असल में रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति का अनुमान बढ़ाकर एकऔरऔर भी
लैंको की लपट तीन साल में ज्वाला
लैंको इंफ्राटेक (बीएसई – 532778, एनएसई – LITL) साल 2011 की शुरुआत में 3 जनवरी को 65.55 रुपए पर था। शुक्रवार 4 मार्च को 2.76 फीसदी गिरकर 36.95 रुपए पर बंद हुआ है। वह भी तब जब 3 मार्च को सीएलएसए ने इसे ‘आउटपरफॉर्म’ की रेटिंग देते हुए खरीदने की सलाह दी है। सीएलएसए का कहना है कि उसने कंपनी की ऋणग्रस्तता की गणना की है और यह शेयर 47 रुपए तक जा सकता है। यानी, जोऔरऔर भी
सरकारी कंपनियों को विदेश की त्वरित मंजूरी
सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को विदेश में खनन की परियोजनाओं के लिए त्वरित गति से मंजूरी देने पर विचार कर रही है। इससे विदेश में तेल, कोयला व खानों में निवेश के लिए प्रस्तावों को मंत्रिमंडल में बिना भेजे मंजूरी मिल सकेगी। सार्वजनिक उद्यम विभाग के सचिव भास्कर चटर्जी ने समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट को बताया कि इससे सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को प्राकृतिक संसाधनों के खनन प्रस्तावों पर निवेश के लिए मंत्रिमंडल की मंजूरी कीऔरऔर भी
सरकारी कंपनियां विदेशी संसाधनों की होड़ में
विदेश में पेट्रोलियम तेल, कोयला और अन्य खनिज परियोजनाएं खरीदने की होड़ के मद्देनजर सरकार देश के सार्वजनिक उपक्रमों (पीएसयू) के लिए जल्दी ही ऐसी नीति तैयार करेगी जिससे उन्हें दूसरे देश में प्राकृतिक संसाधानों को हासिल करने में आसानी हो जाए। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को श्रेष्ठ काम करनेवाली सरकारी कंपनियों को पुरस्कृत करने के लिए आयोजित समारोह में यह घोषणा करते हुए कहा कि कुछ ऐसे क्षेत्र है जहां भारत के सार्वजनिक उपक्रमों कोऔरऔर भी
संजीवनी पैरेंटल का कमाल-धमाल!
मार्क मोबियस का कहना है कि हमें बाजार में करेक्शन के लिए तैयार रहना चाहिए। राकेश झुनझुनवाला भी इसी तरह की बात कह चुके हैं। इसलिए आपके लिए बड़ा सवाल यह है कि बाजार किस दिशा में जा रहा है। आपको जगह-जगह से सूचनाएं जुटाकर तय करना होगा कि आप खरीद की तरफ हैं या बिकवाली की तरफ या आपको झूलेलाल बना रहना है। एकदम सही कहा गया है कि बाजार सब कुछ जानता है और उसेऔरऔर भी