किसी गुत्थी को सुलझाने की खुशी उलझी हुई लट को सुलझाने से कहीं ज्यादा होती है। पर हम तो गुत्थियों को गांठ बनाकर जीते हैं, समस्याओं को दरी या कालीन के नीचे ढांक-तोप देने के आदी हो गए हैं।और भीऔर भी