कहने का आशय
2011-12-11
हम किस आशय/भाव से कोई बात कहते हैं, इसका कोई महत्व नहीं। महत्व इसका है कि उससे संदेश क्या गया, संप्रेषित क्या हुआ। सो, बोलने से पहले सामनेवाले की स्थिति पर गौर कर लेना चाहिए।और भीऔर भी
हम किस आशय/भाव से कोई बात कहते हैं, इसका कोई महत्व नहीं। महत्व इसका है कि उससे संदेश क्या गया, संप्रेषित क्या हुआ। सो, बोलने से पहले सामनेवाले की स्थिति पर गौर कर लेना चाहिए।और भीऔर भी
तुम कुछ भी कहो, मैं तो ठसक से यही बोलूंगा कि मैं जो भी करता हूं वह सही होता है। यह मेरा विश्वास है और विश्वास के किया गया काम गलत नहीं होता। गलत हुआ भी तो मैं ही इसे सुधारूंगा, तुम नहीं।और भीऔर भी
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