इस समय देश में आयकर विभाग के कुल 53,000 पदों में से लगभग 22 फीसदी खाली पड़े हैं। यह संख्या 11,500 के आसपास बनती है। ऐसा तब हो रहा है जब काले धन का शोर उठा हुआ है और सरकार कर-चोरी को रोकने के दावे कर रही है। सीएजी की रिपोर्ट के मुताबिक 2010-11 में अटके हुए टैक्स की रकम 2.63 लाख करोड़ रुपए रही है। आयकर विभाग खाली पदों को भरने के लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष करऔरऔर भी

मॉरीशस ने बैंकिंग सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए बढ़ते ‘दबाव’ के बीच भारत को पहली बार कर चोरी की जांच में घिरे एक व्यक्ति के बैंक खातों में हुए लेनदेन की जानकारी उपलब्ध कराई हैं। आयकर विभाग इस व्यक्ति के खिलाफ कर चोरी व मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच कर रहा है। सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘उन्होंने (मॉरीशस के अधिकारियों ने) एक व्यक्ति से जुड़ी सूचना उपलब्ध कराई है। इस व्यक्ति ने वहांऔरऔर भी

देश की अर्थव्यवस्था में बढ़ रहे कालेधन के प्रवाह को लेकर चिंतित आयकर विभाग ने स्विटजरलैंड, वर्जिन आइलैंड और बहामास जैसे कर चोरी के पनाहगाह देशों की यात्रा करने वाले लोगों पर पैनी नजर रखनी शुरू कर दी है। विभाग ने अपने खुफिया व जांच अधिकारियों को ऐसे सभी यात्रियों के बारे में पड़ताल करने का निर्देश दिया है जिन्होंने पिछले साल कर चोरी के पनाहगाह बने देशों की यात्रा की और ऐसे दौरों पर हुए खर्चऔरऔर भी

चीन सरकार ने अमेरिकी सर्च इंजिन गूगल और उसकी तीन संबद्ध कंपनियों पर कर चोरी का आरोप लगाया है। अमेरिकी कंपनी ने हाल ही में चीन सरकार पर अपनी सेवा ब्लॉक करने का आरोप लगाया था। चीनी कर अधिकारियों के हवाले से सरकारी मीडिया इकनॉमिक डेली में गुरुवार को छपी रिपोर्ट के मुताबिक गूगल से संबद्ध तीन कंपनियां गलत बिल और बही खाते में हेरफेर करती पाई गई हैं। साथ ही 4 करोड़ युआन (60.6 करोड़ अमेरिकीऔरऔर भी

वैश्विक वित्तीय फर्म सिटी ने कहा है कि कर से बचने के लिए विदेश में अवैध रूप से पैसा जमा करने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए भारत सरकार को अभी बहुत कुछ करना होगा। इसके अनुसार सरकार ने हाल ही में जो कदम उठाए, उनका कुछ असर जरूर हुआ है। सिटी की एक रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘सरकारी प्रयासों के कुछ परिणाम आ रहे हैं। लेकिन विदेश में काले धन के जमा होने सेऔरऔर भी

स्विटजरलैंड का कहना है कि उसे करचोरों की पनाहगार समझना उचित नहीं है और वह भारत के साथ आयकर मामलों में सहयोग की नई संधि को इस साल मंजूरी मिल जाने के बाद कालेधन के खिलाफ कार्रवाई में उसको प्रशासनिक सहयोग दे सकेगा। स्विटजरलैंड के वित्त विभाग के मंत्री माइकल एमबल ने शनिवार को दावोस में वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम के समारोह से बाहर भारत के एक निजी समाचार चैनल के साथ एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘हमने हालऔरऔर भी

सरकार जल्दी ही विदेश में धन छिपाकर रखनेवाले भारतीयों पर निगाह रखने के लिए अमेरिका, ब्रिटेन और साइप्रस जैसे देशों में आयकर कार्यालय खोलने जा रही है। ये कार्यालय संबंधित देश के कर अधिकारियों के साथ बराबर संपर्क में रहेंगे और किसी भी संदेहास्पद लेन-देन की खोज-खबर रखेंगे। इससे सरकार को कर चोरों के पनाहगार समेत अन्य देशों से गोपनीय वित्तीय सूचनाएं हासिल करने में मदद मिल सकती है। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक अमेरिका, ब्रिटेन,औरऔर भी

केंद्रीय कैबिनेट सचिव के एम चंद्रशेखर को टेलीफोन टैपिंग के मुद्दे पर गौर करने और रिकॉर्ड की गई बातचीत को लीक होने से रोकने के उपाय सुझाने को कहा गया है। उनको यह निर्देश खुद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दिया है। कैबिनेट सचिव को अपनी रिपोर्ट एक महीने के भीतर मंत्रिमंडल के सामने पेश कर देनी है। प्रधानमंत्री ने मंगलवार को राजधानी दिल्ली में कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय द्वारा आयोजित ‘इंडिया कॉरपोरेट वीक’ के उद्घाटन समारोह में यहऔरऔर भी