बाजार का बैरोमीटर, निफ्टी 5440 से बढ़कर 5586 पर पहुंच गया जो उस स्पष्ट रुझान की तस्दीक करता है जिसे हम पहले ही बता चुके हैं। असल में, फिजिकल सेटलमेंट के अभाव में पूरे सिस्टम के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। हमने पिछले कॉलम में तथ्यों व आंकड़ों के साथ दिखाया है कि डेरिवेटिव या एफ एंड ओ बाजार 32,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का नहीं है, जबकि इसे 1,15,000 करोड़ रुपए का दिखाया जाता है।औरऔर भी

अण्णा ने लाखों लोगों के सक्रिय समर्थन से जंग जीत ली है। ऐसा सिर्फ इसलिए मुमकिन हुआ क्योंकि मुद्रास्फीति के बोझ तले दबा आम आदमी भ्रष्टाचार से भयंकर रूप से त्रस्त है। लगता है जैसे, आम आदमी को भ्रष्टाचार के तंदूर में डालकर नेता व अफसर अपनी रोटियां सेंक रहे हों। दरअसल, भ्रष्टाचार मुद्रास्फीति की जड़ है। जितना ज्यादा भ्रष्टाचार, उतना ज्यादा काला धन, उतनी ही ज्यादा सरकारी अफसर की कमाई और इसके चलते आम आदमी परऔरऔर भी

हम पहले से ही थोड़े करेक्शन के लिए तैयार थे और लांग व शॉर्ट सौदों में संतुलन बनाकर चल रहे थे। यह भी एक कला है जिसे निवेशकों व ट्रेडरों को जरूर जानना-समझना चाहिए। बड़े करेक्शन को होने देने में मूलतः कुछ भी गलत नहीं है। कच्चे तेल के दाम, ब्याज दरों के बढ़ने की आशंका, मुद्रास्फीति और कंपनियों के मुनाफे से जुड़ी चिंताओं के चलते ट्रेडरों ने पहले से शॉर्ट पोजिशन बना रखी है और जबऔरऔर भी

बाजार के लोगों में डर बना हुआ है कि इसमें कभी भी करेक्शन आ सकता है, गिरावट आ सकती है। जब तक लोगों में यह डर कायम है और बहुत सारे शॉर्ट सौदे हुए पड़े हैं, तब तक बड़ा करेक्शन आने की कोई गुंजाइश नहीं है। हां, थोड़ा-बहुत ऊपर नीचे हो ही सकता है। फिर भी सावधानी बरतनी जरूरी है। हेजिंग जरूरी है यानी एक जगह का घाटा दूसरी जगह के भरने का इंतजाम जरूरी है। यकीनऔरऔर भी

आज का हाल भी कल जैसा रहा। जहां सेंसेक्स और निफ्टी क्रमशः 0.38 और 0.31 फीसदी गिर गए, वहीं बीएसई के मिड कैप सूचकांक में 0.47 फीसदी और स्मॉल कैप सूचकांक में 0.78 फीसदी बढ़त दर्ज की गई है। इसी तरह एनएसई का सीएनएक्स मिड कैप सूचकांक 0.43 फीसदी और निफ्टी मिड कैप-50 0.55 फीसदी बढ़ा है। नोट करने के बात यह भी है कि सीएनएक्स रीयल्टी सूचकांक में आज 3.34 फीसदी बढ़त दर्ज की गई है।औरऔर भी

सेंसेक्स और निफ्टी की बात करें तो बाजार सुबह से दोपहर तक गिरता रहा, लेकिन अंत आते-आते संभल गया। फिर भी बीएसई के मिड कैप और स्मॉल कैप सूचकांक क्रमशः 0.79 फीसदी और 1.38 फीसदी बढ़ गए। एक बात ध्यान रखें कि बाजार में करेक्शन यानी गिरावट आए या न आए, कंपनी विशेष के बारे में कोई नई सूचना लानेवाली खबर उसके शेयरों के भावों को बढ़ा देगी। हम अबन ऑफशोर, बीजीआर एनर्जी, रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल), रिलायंसऔरऔर भी

भारत ने विश्व कप जीतकर एक देश के रूप में खुद को दुनिया में सबसे ऊपर साबित कर दिया। देश में ऐसा जबरदस्त जोश व जुनून छा गया कि पहली बार फाइनल मैच पर लगा सट्टा 20,000 करोड़ रुपए से भी ऊपर चला गया और मैच के टिकट ब्लैक में 1.75 लाख रुपए में बिके। अगर भारत न जीतता तो देश भर में भयंकर मायूसी छा जाती। लेकिन इस जीत का दुखद पहलू यह है कि हमऔरऔर भी

यह कोई अप्रैल फूल की बात नहीं है। बाजार जब 5200 पर था, तभी मुझे यकीन था कि यह 6000 की तरफ बढ़ेगा और इसने ऐसा कर दिखाया। मार्च काफी घटनाप्रधान महीना रहा, जब बजट और जापान ने बाजार को घेरे रखा। बजट ने माहौल बनाया तो जापान की आपदा ने शॉर्ट के सौदागरों को खेलने का मौका दे दिया। लेकिन बाजार जब अपना रुख पलटकर 200 दिनों के मूविंग औसत (डीएमए) के पार चला गया तोऔरऔर भी

फंडामेंटल जस के तस, फिर भी बाजार खटाखट 1000 अंक ऊपर चला गया! लोगों को अचानक अर्थव्यवस्था व कॉरपोरेट क्षेत्र की मजबूती का इलहाम हो रहा है। लेकिन हम लगातार इस सच से निवेशकों को वाकिफ कराते रहे हैं कि ताकि उनका विश्वास गिरने न पाए। हालांकि हमें यह भी पता है कि निवेशक जो देखते-सुनते हैं, अफवाहों की ताकतवर मशीनरी जैसा उन्हें समझाती है, वे उसी में बह जाते हैं। हर कोई अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और मार्केटऔरऔर भी

जापान में हालात सामान्य होने लगे हैं। फुकुशिमा परमाणु संयंत्र के सभी छह रिएक्टरों में बिजली बहाल हो गई है। यहां से जापान में पुनर्निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी और वहां की नई मांग से दुनिया में जिंसों के भाव बढ़ सकते हैं। इस बीच लीबिया पर पश्चिमी देशों के सैन्य हमलों के बाद कच्चे तेल के दाम फिर उठने लगे हैं। लेकिन यह मसला भी जल्दी ही सुलझ जाएगा। गद्दाफी लंबे समय तक खुद को बचाएऔरऔर भी