औषधि मूल्‍य नियंत्रण आदेश (डीपीसीओ) 1995 के अनुसार अनु‍सूचित दवाओं का मूल्य राष्‍ट्रीय औषधि मूल्‍य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) खुदरा दुकानदारों के 16 फीसदी लाभ को ध्‍यान में रखते हुए तय करता है। इनमें 74 बल्‍क दवाएं शामिल हैं। कोई भी व्‍यक्ति किसी भी अनुसूचित दवा को तय मूल्य से ज्यादा दाम पर नहीं बेच सकता। डीपीसीओ 1995 के अंतर्गत ब्रांड और बिना ब्रांड वाली दवाओं में कोई अंतर नहीं किया जाता। जो गैर-अनुसूचित दवाएं इस आदेश सेऔरऔर भी

राष्ट्रीय दवा मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने अगस्त 1997 में अपनी स्थापना से लेकर 31 जुलाई 2011 तक अधिक मूल्य पर दवाएं बेचने के 812 मामलों में 2357.24 करोड़ रुपए का डिमांड नोटिस जारी किया है। इस राशि में दवाओं की बिक्री पर लिए गए अधिक मूल्य पर लगाया गया ब्याज शामिल है। लेकिन अब तक वह इसमें से महज 211.25 करोड़ रुपए यानी 8.96 फीसदी रकम ही वसूल कर पाया है। उसने ये नोटिस दवा (मूल्यऔरऔर भी

एनपीपीए (नेशनल फार्मा प्राइसिंग अथॉरिटी) ने घरेलू कंपनियों को राहत देने के मकसद से 62 दवाओं के दाम बढ़ा दिए हैं। जिन दवाओं के दाम बढ़ाए गए हैं, उनमें ज्यादातर देश में निर्मित इंसुलिन हैं। साथ ही एनपीपीए ने पिछले सप्ताह हुई समीक्षा बैठक में 14 दवाओं के दाम घटाए दिए हैं, जबकि 21 दवाओं की कीमत जस की तस रखी गई है। जिन दवाओं के दाम बढ़ाए गए हैं, उनमें से ज्यादातर का उपयोग डायबिटीज औरऔरऔर भी