भारत ने साल 2003 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के तंबाकू नियंत्रण फ्रेमवर्क कनवेंशन पर दस्तखत किए थे। इसकी धारा 17 व 18 के तहत केंद्र सरकार का दायित्व है कि वह देश के किसानों को तंबाकू की खेती से निकालकर दूसरी फसलों की लाभप्रद वैकल्पिक खेती में लगाए। लेकिन करीब नौ साल बाद भी मामला स्वास्थ्य, कृषि और वाणिज्य मंत्रालय के बीच चिट्ठी-पत्री से आगे नहीं बढ़ पाया है। इसका प्रमुख कारण यह है कि भारतऔरऔर भी

चुनाव न होते तो बजट का रहस्य 16 दिन पहले ही खुल जाता। चलिए, इससे वित्त मंत्री और उनके अमले को अपने प्रस्तावों को ठोंक-बजाकर दुरुस्त करने के लिए ज्यादा वक्त मिल गया। लेकिन हम तो उन्हीं के भरोसे हैं तो हमें क्या वक्त मिलना और क्या न मिलना! इतना तय है कि बजट की एक-एक लाइन किसी न किसी रूप में कंपनियों के धंधे पर असर डालती है और इसका सीधा असर उनके शेयरों पर पड़ेगा।औरऔर भी

दो हफ्ते बाद 16 मार्च को पेश किए जानेवाले बजट में कई उत्पादों पर शुल्क की दरें बढ़ाई जा सकती हैं। साथ ही कर का दायरा भी बढ़ाया जा सकता है। बजट में इस तरह के तमाम उपाय होंगे ताकि रिजर्व बैंक आर्थिक विकास को गति देने के लिए बेझिझक ब्याज दरों में कमी कर सके। यह कहना है योजना आयोग के प्रधान सलाहकार प्रोनब सेन का। सेन ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स के हुई बातचीत में यहऔरऔर भी

इस साल नवंबर में अप्रत्यक्ष करों का संग्रह पिछले नवंबर की तुलना में 6.36 फीसदी बढ़कर 31,082 करोड़ रुपए रहा है। लेकिन पेट्रोलियम पदार्थों पर शुल्क घटाए जाने के कारण उत्पाद शुल्क या एक्साइज ड्यूटी के रूप में 6.5 फीसदी कम, 11,761 करोड़ रुपए का ही टैक्स मिला है। नवंबर में सर्विस टैक्स से सरकार को 7200 करोड़ रुपए मिले हैं। बता दें कि अप्रत्यक्ष करों में मुख्य रूप से कस्टम ड्यूटी (सीमा शुल्क), एक्साइज ड्यूटी औरऔरऔर भी

सरकार ने पेट्रोल का नया दाम निकाला तो कच्चे तेल की लागत 74.84 डॉलर (करीब 3517 रुपए) प्रति बैरल मानी थी। हर बैरल में 42 गैलन या 158.76 लीटर होते हैं। इस हिसाब से कच्चे तेल का प्रति लीटर मूल्य हुआ 22.15 रुपए। इस पर रिफाइनिंग लागत अधिक से अधिक 10% (2.15 रुपए) होती है। रिफाइनरी की पूंजी लागत के अंश व लाभ के लिए 6 रुपए और जोड़ दें तो पेट्रोल का दाम हुआ 30.30 रुपए/लीटर।औरऔर भी