सरकार अब भी कहे जा रही है कि वित्त वर्ष 2011-12 के लिए तय विनिवेश लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगा। वित्त सचिव आर एस गुजराल ने मंगलवार को आगरा में ड्रग्स के खिलाफ कार्यरत एशिया-प्रशांत देशों की राष्ट्रीय एजेंसियों के प्रमुखों के सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा, “ इस साल के लिए तय 40,000 करोड़ के विनिवेश लक्ष्य को छोड़ने की कोई वजह नहीं है। कई तरह के विकल्प हैं और कई किस्म के विकल्पोंऔरऔर भी

एशिया-प्रशांत क्षेत्र की राष्‍ट्रीय मादक द्रव्‍य कानून प्रवर्तन एजेंसि‍यों के प्रमुखों की 35वीं बैठक मंगलवार, 22 नवंबर से आगरा में शुरू हो रही है। यह बैठक 25 नवंबर तक चलेगी। बैठक का आयोजन भारत सरकार की तरफ से सेन्‍ट्रल ब्‍यूरो ऑफ नारकोटि‍क्‍स, ग्‍वालि‍यर द्वारा संयुक्‍त राष्‍ट्र मादक द्रव्‍य और अपराध कार्यालय (यूएनओडीसी) के सहयोग से कि‍या जा रहा है। भारत में यह बैठक दूसरी बार हो रही है। पिछली बार 28 साल पहले दिल्ली में यह बैठकऔरऔर भी

राष्ट्रीय ज्ञान आयोग के अध्यक्ष और पब्लिक इनफॉर्मेशन इंफ्रास्ट्रक्चर व इनोवेशंस पर प्रधानमंत्री के सलाहकार सैम पित्रोदा का मानना है कि सतत वृद्धि के लिए शोध की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें कल की चुनौतियों का सामना करने के लिए स्वास्थ्य, ऊर्जा, प्रशासन और बुनियादी ढांचे समेत जीवन के तमाम क्षेत्रों में शोध को बढ़ावा देना होगा। शोध की जरूरत पर बल देते हुए पित्रोदा ने देश में पब्लिक इनफार्मेशन इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 20 अरब अमेरिकीऔरऔर भी

आगरा और जालंधर में परिवारों की आय देश के शहरी परिवारों की औसत आय से अधिक है। एक सर्वेक्षण में यह निष्कर्ष निकालते हुए इन शहरों को ‘उम्मीदों का शहऱ’ बताया गया है। भारत में शहरीकरण के बारे में मॉरगन स्टैनले की अल्फावाइस एविडेंस सीरीज रिपोर्ट में देश के 200 शीर्ष शहरों को शामिल किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार देश के 50 शीर्ष शहरों में बैंगलोर, हैदराबाद, पुणे सबसे गतिशील हैं जबकि बेहतर औसत आय केऔरऔर भी

केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा द्वारा पिछ्ले तीन वर्षों से हिंदी लोक शब्दकोश परियोजना चलाई जा रही है। इस परियोजना के अंतर्गत हिंदी की 48 लोकभाषाओं के डिजिटल और मुद्रित त्रिभाषी (लोकभाषा-हिंदी-अंग्रेजी) कोश बनने हैं। इन लोक शब्दकोशों में उन शब्दों का संग्रह किया जाना है जो विलुप्तप्राय हैं या विलुप्त हो गए हैं। परियोजना का मूल उद्देश्य हिंदी की शाब्दिक संपदा को समृद्ध करने के साथ-साथ लोक के बीच बोलचाल के लिए इस्तेमाल होनेवाले शब्दों का संरक्षणऔरऔर भी