प्रधानमंत्री और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को प्रस्तावित लोकपाल विधेयक के दायरे से बाहर रखे जाने संबंधी बयान से पलटते हुए योगगुरु बाबा रामदेव ने कहा कि उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया। वह शनिवार, 4 जून से दिल्ली में भ्रष्टाचार व काले धन के खिलाफ आंदोलन पर कायम हैं। बता दें कि कल के बयान के बाद अटकलें लगाई जा रही थी कि सरकार अण्णा हजारे के खिलाफ बाबा रामदेव का इस्तेमाल करने में कामयाबऔरऔर भी

।।भरत गांधी।। जन लोकपाल यदि वास्तव में जनता का हो तो इसके फायदे सन्देह से परे हैं। लेकिन जन लोकपालवादियों ने अब तक इस पद पर नियुक्ति के जो प्रस्ताव दिए हैं, उसमें यह खतरा है कि प्रस्तावित जन लोकपाल बहुसंख्यक ‘गरीब जन’ द्वारा नियुक्ति नहीं किया जाएगा, अल्पसंख्यक ‘अमीर जन’ द्वारा नियुक्त होगा और अमीर जन की ओर से सरकार, संसद और न्यायपालिका पर शासन करेगा। भ्रष्टाचार में शामिल भारत के किसी भी बडे उद्योगपति कोऔरऔर भी

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आगाह किया है कि भ्रष्टाचार को बर्दाश्त करने का जनता के सब्र का बांध अब टूट चुका है। उन्होंने कहा कि सरकार इस दुराचार की चुनौती से सख्ती से निपटने को प्रतिबद्ध है क्योंकि जनता इसके खिलाफ तुरत और कठोर कार्रवाई चाहती है। गुरुवार को उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से संसद के मानसून सत्र में भ्रष्टाचार की नकेल कसने के लिए चर्चित लोकपाल विधेयक पेश कर दिए जाने की उम्मीद है।औरऔर भी

पूरा देश भ्रष्टाचार के खिलाफ गोलबंद। दस करोड़ एसएमएस। देश के करीब 80 शहरों से 44 लाख ट्वीट। पुरानी पीढ़ी से लेकर नई पीढ़ी तक। जगह-जगह हजारों लोग हाथों में मोमबत्तियां लिए अण्णा हजारे के साथ आ खड़े हुए। सरकार को इस जन-उभार के आगे झुकना पड़ा। इसी के साथ एक और बात सामने आई है कि हम जिन्हें राष्ट्रवाद के साथ जोड़कर देखते हैं, हमारे वे क्रिकेट खिलाड़ी केवल उस बीसीसीआई के लिए खेलते हैं जिसकेऔरऔर भी

भ्रष्टाचार के खिलाफ जनभावनाओं का प्रतीक बन चुके प्रख्यात सामाजिक अण्णा हजारे ने कहा है कि उनका योगगुरु बाबा रामदेव के साथ कोई मतभेद नहीं है। कल रामदेव ने लोकपाल विधेयक के लिए बनी संयुक्त समिति में पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण और उनके बेटे प्रशांत भूषण दोनों के रखे जाने पर आपत्ति उठाई थी। रामदेव के प्रतिनिधि एस के तिजारावाला ने उलाहना देते हुए कहा था – पिता मुखिया, बेटा सदस्य और केजरीवाल की सीट काऔरऔर भी

अण्णा हजारे के समर्थन में देश भर से भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिए उठ रही आवाज का साथ हिंदी के उन साहित्यकारों व बुद्धिजीवियों ने भी दिया है जो अमूमन गोष्ठियों व सेमिनारों में जुगाली करते रहते हैं। उनका कहना है कि लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार करने के लिए बनने वाली समिति में जनता के बीच से 50 फीसदी लोग होने चाहिए। जानेमाने आलोचक डॉ. नामवर सिंह ने कहा, ‘‘अण्णा हजारे की जन लोकपाल संबंधी मांग बहुतऔरऔर भी

भ्रष्टाचार के खिलाफ अण्णा हजारे के आमरण अनशन को मिल रहा जन-समर्थन तीन दिनों में रंग लाने लगा है। दो दिन पहले तक इस अनशन को अनावश्यक व असामयिक बतानेवाली कांग्रेस के स्वर बदल गए हैं और यूपीए सरकार लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार करने के लिए संयुक्त समिति बनाने को तैयार हो गई है। वह इस पर भी तैयार है कि नया लोकपाल विधेयक संसद के आनेवाले मानसून सत्र में पेश कर दिया जाएगा। लेकिन वहऔरऔर भी

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अण्णा हजारे का खुला पत्र। भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने आंदोलन पर कांग्रेस-नीत यूपीए सरकार की प्रतिकूल टिप्पणियों ने सामाजिक कार्यकर्ता अण्णा हजारे को आहत कर दिया है। इसके बाद उन्होंने बुधवार, 6 अप्रैल को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नाम दो पन्नों का एक खुला पत्र भेजा है। इसमें उन्होंने प्रधानमंत्री ने गुजारिश की है कि वे आंदोलन में दोष निकालने और इसके पीछे किसी साजिश के संदेह से बचें। उनका कहना है किऔरऔर भी

72 साल के अण्णा हजारे भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी मुहिम में किसी जवान से भी ज्यादा जोशीले नजर आ रहे हैं। उनका आमरण अनशन दूसरे दिन भी जारी है। कल कांग्रेस ने उनके अनशन को गैरजरूरी और असामयिक करार दिया था। इस पर हजारे का कहना है कि कांग्रेस देश के लोगों को ऐसा कहकर गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा, “यह आंदोलन अनावश्यक क्यों है और कैसे यह असामयिक है? 42 सालों से देश को इसऔरऔर भी

पूरे देश में अपनी निष्ठा और ईमानदारी के लिए मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता अण्णा हजारे भ्रष्टाचार निरोधी लोकपाल विधेयक का स्वरूप तय करने में सामाजिक संगठनों को शामिल किए जाने और इनकी तरफ से तैयार किए गए जन लोकपाल विधेयक को स्वीकार करने की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठ गए। हजारे आज, मंगलवार को सुबह नौ बजे महात्मा गांधी की समाधि राजघाट गए। उसके बाद वे इंडिया गेट तक जाने के बाद जंतर-मंतर आ गए औरऔरऔर भी