साल भर में निफ्टी 7000 तक!!

बाजार (बीएसई सेंसेक्स) आज 120 अंक बढ़कर बंद हुआ। मेरे अनुमान के अनुरूप ग्रीस का मसला बाजार के लिए बेमानी निकला और निफ्टी 5300 ही नहीं, उसके ऊपर का स्तर भी पार कर गया। बैंकिंग क्षेत्र में सक्रियता रही, खासकर आईडीबीआई में आग-सी लगी रही। एसबीआई ने यकीकन रैली की अगुआई की, लेकिन महंगा होने के कारण यह ट्रेडरों की पहुंच से बाहर है। जेपी और लार्सन भी अच्छे-खासे जोश में नजर आए। निफ्टी में 5440 की मेरी कॉल कई गणनाओं पर आधारित है। देखिए निफ्टी यहां तक जाता है या नहीं।

बहुत से ट्रेडर व निवेशक हम जैसे रिसर्च से जुड़े लोगों पर किसी दिन स्टॉक के न चलने पर दोष मढ़ते हैं। जैसे, टाटा स्टील पिछले दो दिनों में गिरकर 648 रुपए पर आ गया, लेकिन इसमें तेजी का दौर अभी खत्म नहीं हुआ है। इस गिरावट की वजह रोलओवर है। ऐसा हो रहा है और होता रहेगा क्योंकि यह इक्विटी बाजार है जहां एफआईआई भी 5 फीसदी फायदे के लिए खेलते हैं और वे बाजार के उन खिलाड़ियों में शुमार हैं जो उसमें उतार-चढ़ाव लाते हैं। इसमें कोई शक नहीं है कि टाटा स्टील दोबारा उठेगा। दरअसल, मैं पहले लिख चुका हूं कि यह स्टॉक किसी एक दिन में 10-20 फीसदी ऊपर-नीचे हो सकता है।

बाजार (निफ्टी) तेजी से बढ़कर 5440 तक या इस स्तर के ऊपर भी जा सकता है। बाजार में और ज्यादा शॉर्ट सेलिंग शुरू हो गई है। असल में मुझे तो कई लोगों के ई-मेल और एसएमएस मिल रहे हैं जिसमें गुजरात वगैरह के ज्योतिषियों के हवाले कहा गया है कि निफ्टी 13,000 तक चला जाएगा। हालांकि जिस शख्स ने अनुमान लगाया था कि लोकसभा चुनावों के बाद बाजार पर ऊपरी सर्किट ब्रेकर लगेगा, उसी ने मुझे ई-मेल करके बोला है कि जनवरी 2011 तक बाजार 7000 का स्तर छू लेगा और उस समय एक बार फिर बाजार पर ऊपरी सर्किट ब्रेकर लग सकता है।

चलिए देखते हैं कि कौन सही होता है। मैं मानता हूं कि 13,000 की बात करना मूर्खता है। लेकिन निफ्टी को तो 7000 पर पहुंचना ही है, अब यह चाहे जनवरी 2011 में हो या दिसंबर 2011 में। हम किसी स्टॉक को तेजी की शुरुआत में नहीं भांप पाते। लेकिन जब वह चोटी पर पहुंच चुका होता है, तब जरूर उसके पीछे भागने लगते हैं।

40 साल की उम्र में जिंदगी की हमारी समझ जरूरी नहीं है कि 20 साल की उम्र से बेहतर हो। लेकिन अच्छी बात यह है कि हम इसे जानते भी हैं और मानते भी।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है लेकिन फालतू के वैधानिक लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)

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