जुलाई से पेंशन प्लान बनेंगे और आकर्षक

कहा जाता है कि झगड़े में किसी का फायदा नहीं होता है। लेकिन यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस पॉलिसी (यूलिप) को लेकर सेबी व इरडा के बीच छिड़ी जंग से इंश्योरेंस ग्राहकों का फायदा ही हो रहा है। पिछले कुछ समय से बीमा नियामक व विकास प्राधिकरण (इरडा) ने यूलिप को बेहतर करने की ठान ली है। इरडा ने एक नई पहल के जरिए जीवन बीमा कंपनियों के पेंशन प्लान का आकर्षण भी बढ़ाया है। आगामी 1 जुलाई से पेंशन प्लान में कुछ नए व कस्टमर-ओरियन्टेड फीचर इरडा के सौजन्य से रहेंगे।

क्या है नया?

इरडा ने सभी जीवन बीमा कंपनियों से कहा है कि वे आगामी 1 जुलाई से पेंशन प्लान के साथ लाइफ कवर अनिवार्य करें। यह कवर अब तक पेंशन प्लान में वैकल्पिक होता था। इसके साथ ही पॉलिसीधारक के लिए रिटायरमेंट राशि बनाने में मदद मिले इसलिए इन योजनाओं को एक निश्चित अवधि के लिए लॉक-इन भी किया जा सकेगा। यह अवधि धारक तय करेगा। इस अवधि के खत्म होने पर मेच्योरिटी वैल्यू की एक-तिहाई राशि निकाली जा सकेगी व बाकी रकम का उपयोग एन्युटी खरीदने में होगा।

निश्चित आय का इंतजाम

अब थोड़ी चर्चा पेंशन प्लान की। जीवन बीमा योजनाओं का एक रूप हैं पेंशन प्लान। सभी बीमा कंपनियों के पास अपने अलग-अलग पेंशन प्लान हैं। ये प्लान उन लोगों के लिए लाभकारी हैं जो स्वयं के लिए तथा अपने आश्रितों के लिए नियमित आय का इंतजाम करना चाहते हैं। इस प्लान के तहत बीमा कंपनी बीमा धारक को एक निश्चित रकम नियमित रूप में निश्चित आयु तक अथवा आजीवन भुगतान करने का अनुबंध करती है। यह रकम बीमा योजना के प्रीमियम पर निर्भर करती है।

प्लानिंग आज से करें

आज तो आप अच्छी-भली नौकरी कर रहे हैं। पर कल क्या होगा? इसकी चिंता आपको आज करनी होगी और चिंता करने से बेहतर है कि भविष्य का इंतजाम किया जाए। रिटायरमेंट के बाद क्या होगा? जीवन कैसे गुजरेगा? आने वाले कल यानी भविष्य की योजनाएं किस तरह से पूरी होंगी? इन सभी चिंताओं का एक ही जवाब है-पेंशन प्लान।

स्वर्णिम कल की जरूरतें

यदि आप आज से ही बचत व निवेश पर ध्यान देगे तो आपके स्वर्णिम कल की जरूरतें पूरी होने में कोई व्यवधान नहीं आएगा। वास्तव में रिटायरमेंट की प्लानिंग तो आपको नौकरी शुरू करते ही शुरू कर देनी चाहिए।

नियमित स्थिर आय

पेंशन प्लान धारक को नियमित व स्थिर आय प्रदान करते हैं। हकीकत में जब आप नौकरी करते रहते हैं तब तो आप निवेश की बारीकियों व उतार-चढ़ाव को समझ भी सकते हैं पर रिटायरमेंट के बाद यह एक झंझट बन जाता है। उस समय सेहत से जुड़ी समस्याएं उभर आती हैं और याददाश्त भी कमजोर हो जाती है। जब पेंशन प्लान से हो रही आय ही सहारा रहती है।

पेंशन प्लान में अब इंश्योरेंस भी

इरडा की नई पहल के अनुसार 1 जुलाई से पेंशन प्लान के साथ लाइफ कवर अनिवार्य किया जा रहा है। यानी अब इसमें इंश्योरेंस भी जुड़ा रहेगा। ध्यान रहे कि इंश्योरेंस कवर अब तक पेंशन प्लान में वैकल्पिक होता था। पर 1 जुलाई के बाद से यह अनिवार्य होगा।

निजी नौकरीपेशा लोगों के लिए सहायक

पेंशन प्लान में पॉलिसीधारक को रिटायरमेंट के बाद नियमित आय मिलती है। यह आय तब तक मिलती रहती है जब तक पॉलिसीधारक जीवित रहता है। यह लंबी अवधि का निवेश है। रिटायरमेंट तक पॉलिसीधारक को इस प्लान में अपना निवेश जारी रखना पड़ता है। पेंशन प्लान निजी क्षेत्र के कर्मचारियों यानी निजी नौकरीपेशा लोगों के लिए ज्यादा सहायक हैं।

बेहतर है इमीजिएट वार्षिकी

ध्यान रहे कि पेंशन या एन्युटी प्लान मुख्यत: तीन प्रकार के होते हैं- तात्कालिक वार्षिकी यानी इमीजिएट एन्युटी, विलंबित यानी डिफर्ड एन्युटी और शिक्षा वार्षिकी- एजुकेशनल एन्युटी। इमीजिएट एन्युटी प्लान ऐसे लोगों के लिए बेहतर होते हैं जो निराश्रित हैं क्योंकि यह पूर्ण सुरक्षा के साथ विनियोजित रकम पर अधिकतम आय का प्रावधान करती है। इस एन्युटी प्लान के तहत पॉलिसीधारक को जीवन पर्यंत आय होती है। तात्कालिक वार्षिकी रिटायरमेंट के समय ली जाती है। इसमें अपने पीएफ, ग्रेच्युटी या पीपीएफ से मिली पूरी या आंशिक रकम का निवेश किया जा सकता है।

बढ़ती पेंशन का विकल्प चुनें

बीमा कंपनियां अमूमन निवेशकों को विकल्प देती हैं कि वे पूरे जीवन के लिए या तो पेंशन की निश्चित राशि चुनें या फिर बढ़ती हुई पेंशन का विकल्प चुनें। बढ़ती हुई पेंशन का विकल्प चुनना बेहतर है क्योंकि इससे बढ़ती हुई मंहगाई से पेंशन राहत दिलाती है।

– राजेश विक्रांत ( लेखक एक बीमा प्रोफेशनल हैं)

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