टेलिकॉम टावर के कारोबार में सक्रिय कंपनी जीटीएल इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयरों ने गुरुवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में धमाल मचा दिया, जब एक्सचेंज में उसके 51.65 लाख शेयरों का रिकॉर्ड कारोबार हुआ। यह संख्या चौंकानेवाली है क्योंकि पिछले दो हफ्तों में वहां इसका औसत कारोबार 14.26 लाख शेयरों का रहा है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में इसने पहले से ही पटाखा फोड़ रखा है। बुधवार को एनएसई में इसके 64.05 लाख शेयरों के सौदे हुए जिसमें से 50.87 लाख यानी 79.43 फीसदी शेयरों के सौदे डिलीवरी के लिए थे। मतलब साफ है इसमें सट्टेबाजी नहीं, असल के सौदे हो रहे हैं। गुरुवार को भी एनएसई में इसके 57.80 लाख शेयरों के सौदे हुए हैं। गुरुवार को बीएसई में इसका बंद भाव 41.65 रुपए और एनएसई में 41.40 रुपए रहा है।
ऊपर से देखें तो शेयरों में बढ़ी हुई इस सक्रियता की खास वजह नहीं दिखाई देती क्योंकि कंपनी घाटे में चल रही है। उसने 29 अप्रैल को वित्त वर्ष 2009-10 की चौथी तिमाही के साथ ही सालाना नतीजे घोषित किए हैं। इनके मुताबिक चौथी तिमाही में उसे 103.12 करोड़ रुपए की आय पर 6.45 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है। जबकि पूरे वित्त वर्ष 2009-10 में उसकी आय 347.9.6 करोड़ रुपए है, फिर भी वह 2.58 करोड़ रुपए के घाटे में है। यह बहुत अच्छा नहीं लगता क्योंकि पिछले वित्त वर्ष 2008-09 में उसे 220.84 करोड़ रुपए की आय पर 2.85 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हुआ था।
लेकिन बढ़ी आय के बावजूद घाटा होने की कुछ खास वजहें हैं। जैसे, उसने इस बार टेलिकॉम टॉवर के कामकाज व रखरखाव पर खर्च पहले से करीब 41 करोड़ रुपए बढ़ा दिया है। वह एयरसेल के 17,500 टावर खरीदने का सौदा कर चुकी है जिस पर उसने 31 मार्च 2010 तक 1815.72 करोड़ रुपए का निवेश किया है। उसने विदेशी मुद्रा दरों के चलते करीब 124 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है। लेकिन वर्तमान के इस खर्च और नुकसान के बीच उसका कल का मजबूत भविष्य छिपा हुआ है। कंपनी के पास इस समय भी 300 करोड़ डॉलर (करीब 13,500 करोड़ रुपए) की आस्तियां हैं।
कंपनी के ग्राहकों में देश की लगभग सभी बड़े टेलिकॉम ऑपरेटर शामिल हैं। वह चालू वित्त वर्ष में 23,700 टावरों के साथ पूरे देश भर में अपना नेटवर्क पहुंचा देगी। इस समय भी वह देश के 234 टेलिकॉम सर्किलों में मौजूद है। चौथी तिमाही में उसकी आय पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 61 फीसदी और सकल लाभ 63 फीसदी बढ़ा है। देश में मोबाइलधारकों की संख्या 58 करोड़ को पार कर चुकी है और इसमें हर महीने डेढ़-दो करोड़ रुपए का इजाफा हो रहा है। ऐसे में इतने बड़े और निरतंर बढ़ते तंत्र को बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया करानेवाली कंपनी जीटीएल इंफ्रा के कारोबार का बढ़ना तय है। अगर आज उसका 10 रुपए अंकित मूल्य का शेयर 41-42 रुपए में मिल रहा है तो यकीकन यह भारी लाभ का सौदा है। वैसे भी यह बीएसई के ए ग्रुप का शेयर है। कंपनी की 957.34 करोड़ रुपए की इक्विटी में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी 52.38 फीसदी है। कंपनी के पास इस समय 908 करोड़ रुपए के रिजर्व हैं।