जीईआई इंडस्ट्रियल सिस्टम्स भोपाल की कंपनी है और औद्योगिक मशीनरी बनाती है जिसमें खास हैं मशीनों को ठंडा रखने के उपकरण। वह दुनिया में एयर कूलिंग सिस्टम बनानेवाली तीसरी बड़ी कंपनी है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के बी ग्रुप में उसके शेयर आते हैं। उसकी चुकता पूंजी 16.62 करोड़ रुपए है तो जाहिर है वह स्मॉल कैप कंपनी की श्रेणी में आएगी। कंपनी ने कल ही अपने शानदार नतीजे घोषित किए हैं। मार्च 2010 में खत्म चौथी तिमाही में उसका शुद्ध लाभ पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि से 244 फीसदी ज्यादा है। पहले यह 1.22 करोड़ रुपए था और अब 4.18 करोड़ रुपए हो गया है। पूरे वित्त वर्ष की बात करें तो जहां 2008-09 में उसकी प्रति शेयर कमाई (ईपीएस) 7.14 रुपए थी, वहीं 2009-10 में यह 10.28 रुपए हो गई है। कंपनी की सालाना बिक्री में 19 फीसदी और शुद्ध लाभ में 43 फीसदी बढ़त दर्ज की गई है।
कंपनी के 10 रुपए अंकित मूल्य के शेयर का भाव बीएसई में 133 रुपए चल रहा है और उसने इसी 21 अप्रैल को 148 रुपए पर 52 हफ्तों का अपना शिखर छुआ है। मौजूदा भाव और ईपीएस के आधार पर इस शेयर का पी/ई अनुपात 13 के आसपास है, जबकि इसी स्तर की अन्य कंपनियों का पी/ई अनुपात 14 से 24 तक का है। जाहिर है, यह तथ्य इस ओर इशारा करता है कि अभी इस शेयर में बढ़ने की गुंजाइश अच्छी-खासी है। दूसरी एक बात और गौर करने लायक है कि कंपनी के पास अच्छे-खासे ऑर्डर हैं। इस साल फरवरी में उसे 140 करोड़ और मार्च में 55 करोड़ रुपए के नए ऑर्डर मिले हैं।
यह 40 साल पुरानी कंपनी है। जमा-जमाया धंधा है। उसके विदेशी ग्राहकों में अमेरिका की जनरल इलेक्ट्रिक व सोलर टरबाइन, कोरिया की सैमसंग इंजीनियरिंग और ओमान की ओमान रिफाइनरी शामिल हैं, जबकि घरेलू ग्राहकों में एबीबी, बीएचईएल, भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम, इंडियन ऑयल, एल एंड टी और ओएनजीसी जैसे बीसियों नाम शामिल हैं। सी ई फर्नांडीस इसके सस्थापक व चेयरमैन हैं। कंपनी के बोर्ड में प्रोफेशनल व दक्ष लोगों की कमी नहीं है। कंपनी में प्रवर्तकों की इक्विटी हिस्सेदारी 41.41 फीसदी है, जबकि एफआईआई का निवेश 7.6 फीसदी है। दूरगामी निवेश के लिए यह अच्छी कंपनी साबित हो सकती है।
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घुघूती बासूती