रिलायंस समूह अब भी शेयर बाजार का बेताज बादशाह बना हुआ है। इसलिए मुकेश और अनिल अंबानी के बीच सुलझ हो जाने के बाद पूरी उम्मीद है कि सोमवार को बाजार में तेजी का आलम रहेगा। इस बीच आईसीआईसीआई सिक्यूरिटीज जैसी देश की प्रमुख ब्रोकरेज व निवेश बैंकिंग कंपनी ने भी अनुमान जताया है कि इस साल बीएसई सेंसेक्स 19,000 अंक के ऊपर जा सकता है। कंपनी की सीईओ व प्रबंध निदेशक माधबी पुरी बुच का कहना है कि भारतीय बाजार पर दुनिया की नकारात्मक खबरों का असर तो पड़ सकता है, लेकिन जो निवेशक 15 से 18 महीनों के लिए निवेश करेंगे, उन्हें अच्छा रिटर्न मिलना लगभग तय है।
रविवार को दोपहर बाद मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी की तरफ से लगभग एक जैसे बयान जारी किए गए जिनमें कहा गया है कि दोनों समूहों के बीच जनवरी 2006 में किया गया वह करार रद्द कर दिया गया है जिसमें एक दूसरे के क्षेत्र में न घुसने का प्रावधान था। अब एक ज्यादा सरल समझौता किया जाएगा जिसका ताल्लुक केवल गैस आधारित बिजली के उत्पादन से होगा। 7 मई को आए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुरूप रिलायंस इंडस्ट्रीज और रिलायंस नेचुरल रिसोर्सेज (आरएनआरएल) जल्दी ही गैस आपूर्ति करार पर अलग से दस्तखत करेंगी। दोनों भाइयों की तरफ से कहा गया है कि वे अपने स्वर्गीय पिता धीरूभाई अंबानी की चाहतों व सपनों को आगे बढ़ाएंगे। बताते हैं कि इस सहमति में मां कोकिलाबेन ने अहम भूमिका निभाई है। इससे पहले दोनों भाई प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भी अलग-अलग मिल चुके थे।
मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज इस पर रजामंद हो गई है कि वह मार्च 2022 तक गैस आधारित बिजली उत्पादन में नहीं उतरेगी। नए समझौते का मतलब यह होगा कि जहां अनिल अंबानी अब पेट्रोलियम रिफाइनरी तक के बिजनेस में उतर सकते हैं, वहीं मुकेश अंबानी टेलिकॉम से लेकर फाइनेंस तक के बिजनेस में उतर सकते हैं। जानीमानी ब्रोकरेज फर्म एसएमसी कैपिटल के इक्विटी प्रमुख जगन्नाधम तुनगुंटला का कहना है कि रिलायंस के दोनों धड़ों में हुआ समझौता इनके सभी शेयरधारकों के हित में है और अब वे एक दूसरे से लड़ने के बजाय अपने कारोबार पर केंद्रित करेंगे। बता दें कि मुकेश अंबानी के एतराज के कारण ही अनिल अंबानी की प्रमुख कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस अफ्रीका की टेलिकॉम कंपनी एनटीएन से हाथ नहीं मिला पाई थी।
मुकेश अंबानी की प्रमुख लिस्टेड कंपनियां हैं- रिलायंस इंडस्ट्रीज और रिलायंस इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर, जबकि अनिल अंबानी समूह की खास लिस्टेड कंपनियां हैं – रिलांयस कैपिटल, रिलायंस कम्युनिकेशंस, रिलांयस इंफ्रा, रिलायंस पावर, रिलायंस मीडिया और आरएनआरएल। तुनगुंटला के मुताबिक दोनों ही भाइयों की कंपनियों के शेयर सोमवार को बढ़ सकते हैं। शुक्रवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर 0.42 फीसदी घटकर 995.70 पर बंद हुए थे, जबकि रिलायंस पावर मामूली बढ़त के साथ 138.65 रुपए और रिलायंस कैपिटल का शेयर 1.78 फीसदी बढ़त के साथ 641.30 रुपए पर बंद हुआ था। इस दौरान आरएनआरएल की हालत खराब है। शुक्रवार को बीएसई में उसका बंद भाव 44.50 रुपए रहा है। लेकिन दिन में वह नीचे में 42.50 रुपए तक चला गया था जो 52 हफ्ते का उसका न्यूनतम स्तर है।
आपके मुह में घी शक्कर !!!
हमारा अनुमाना है कि आसानी से रिलायंस में १०% तो बहुत ही कम समय में बनाया जा सकता है।