गोल्ड ईटीएफ लेने से परहेज क्यों!!

अक्षय तृतीया पर गोल्ड ईटीएफ ने इस बार कमाल दिखा दिया। एनएसई व बीएसई में लिस्टेड सातों गोल्ड ईटीएफ में औसत से चार-पांच गुना ज्यादा कारोबार हुआ। बीएसई में जहां कुल 18,591 सौदों में एक लाख ईटीएफ ट्रेड किए गए, वहीं एनएसई में 1.05 लाख सौदे हुए और कुल 10.51 लाख गोल्ड ईटीएफ ट्रेड किए गए। मात्रा के लिहाज से देखें तो एनएसई में गोल्ड ईटीएफ का कुल कारोबार 172.39 करोड़ रुपए और बीएसई में 24.88 करोड़ रुपए का रहा।

एनएसई के एक अधिकारी का कहना था कि अक्षय तृतीया पर गोल्ड ईटीएफ का विशेष ट्रेडिंग सत्र कारोबार के मामले में बड़ी कामयाबी रहा है। इस समय सात गोल्ड ईटीएफ बीएसई व एनएसई में लिस्टेड हैं। रविवार को इनमें से तीन गोल्ड ईटीएफ के भाव बढ़े हैं और चार के घटे हैं। बढ़नेवाले ईटीएफ हैं यूटीआई गोल्ड ईटीएफ (+1.69%), एसबीआई गोल्ड ईटीएफ (+0.88%) और कोटक गोल्ड ईटीएफ (+0.39%), जबकि घटनेवाले ईटीएफ हैं क्वांटम गोल्ड फंड (-5.67%), रिलायंस गोल्ड ईटीएफ (-0.865), रेलिगेयर गोल्ड ईटीएफ (-1.54%) और बेंचमार्क गोल्डबीज (-0.09%)।

बता दें कि रविवार को अक्षय तृतीया पर बीएसई व एनएसई दोनों में सुबह 9 बजे से लेकर शाम 3.30 बजे तक गोल्ड ईटीएफ में विशेष ट्रेडिंग सत्र आयोजित किया गया। इस दौरान हुए अच्छे कारोबार के बाद माना जा रहा है कि इनके प्रति निवेशकों का रुझान और बढ़ेगा। एनएसई के आंकड़ों के मुताबिक गोल्ड ईटीएफ के बाजार भाव पिछले साल भर में 18 फीसदी से 26.70 फीसदी तक बढ़े हैं। रविवार को सभी सातों गोल्ड ईटीएफ का बाजार भाव उनके 14 मई 2010 के एनएवी से ज्यादा रहा है।

मुद्रास्फीति, बाजार की अनिश्चितता और यूरोप के चल रहे ऋण संकट के बीच सोना यकीकन काफी सुरक्षित निवेश है। सोने के दाम भी इधर रिकॉर्ड ऊंचाई तक पहुंच गए हैं। ऐसे में गोल्ड ईटीएफ हमें अप्रत्यक्ष रूप से सोने में निवेश का मौका दे रहा है। हर गोल्ड ईटीएफ की एक यूनिट का अंकित मूल्य 100 रुपए का है और इसका ट्रेडिंग लॉट एक का है। सबसे कम भाव का क्वांटम गोल्ड ईटीएप 840 रुपए का है, जबकि अधिक भाव का एसबीआई गोल्ड ईटीएफ 1837 रुपए का है। सबसे नया गोल्ड ईटीएफ रेलिगेयर का है।

अभी की हालत में तो यही लगता है कि पांच-दस गोल्ड ईटीएफ खरीदकर अपने पोर्टफोलियो में डाल ही लेने चाहिए। बता दें कि म्यूचुअल फंड गोल्ड ईटीएफ के लिए 99.5 फीसदी शुद्धता वाला स्टैंडर्ड सोना खरीदता है। फिर इसे कस्टोडियन बैंक के पास सुरक्षित रख देता है। बाद में इसके एवज में निवेशक को गोल्ड ईटीएफ की यूनिटें जारी कर दी जाती हैं। एक यूनिट की एक ग्राम सोने के समतुल्य होती है। (वैसे, मुझे अभी तक एक बात समझ में नहीं आई है कि जब सभी गोल्ड ईटीएफ में यूनिट एक ग्राम सोने के बराबर होती है तो अलग-अलग गोल्ड ईटीएफ के दामों में इतना फर्क क्यों है?)

आपको एक बात और ध्यान रखनी होगी कि आपके पास कम से कम गोल्ड ईटीएफ की 100 यूनिटें हों (100 ग्राम सोने के बराबर), तभी आप उन्हें सोने में बदल सकते हैं। दूसरे, ऐसा करने पर राज्य सरकारें स्टैंप ड्यूटी भी लेती हैं। इसलिए सोना उपभोग के लिए खरीदना है तो उसके लिए गोल्ड ईटीएफ लेना एक महंगा सौदा है। यह तो फिलहाल बस निवेश का एक माध्यम है।

1 Comment

  1. सही कहा..यह मुझे भी समझ न आया कि अलग अलग ईटीएफ़ स्कीम्स के रेट्स मे फ़र्क क्यों होता है..
    बढ़िया जानकारी से भरा आलेख…!..क्या सोने के नीचे गिरने के भी निकट भविष्य मे कोई चांसेज हैं?

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