जानिए कार इंश्योरेंस के एक्स फैक्टर

आइए हम आपको बताते हैं कि अपनी कार का बीमा कराते समय फायदा ही फायदा कैसे प्राप्त करें? हम कोई भी खरीदारी करते हैं तो हमारी इच्छी रहती है कि वह चीज या सेवा सस्ती से सस्ती मिल जाए। दरअसल, मनमर्जी का सौदा सभी को प्रिय होता है, मन को संतोष देता है। अपनी मनपसंद कार खरीदने के बाद अब आपको उसका बीमा भी सस्ते से सस्ता मिल जाए तो आप अब यही कहेंगे कि मेरी पांचों उंगलियां घी में हैं। हम आपको इसलिए कुछ गुर यानी सस्ते में कार का इंश्योरेंस कराने के एक्स फैक्टर बताते हैं।

बीमा को फटाफट लॉटरी न मानें: अपनी कार के बीमा को फटाफट लॉटरी की तरह न मानें कि इधर आपने टिकट खरीदकर स्क्रैच किया, उधर आपको रिजल्ट पता चल गया। बेहतर रहेगा कि आप सही-सही जानकारी कर लें, बीमा के सभी पहलुओं को ध्यान से जांच-परख लें।

शर्तें समझें: हरेक बीमा कंपनी के नियम व शर्तों में अंतर होता है। इन कुछ प्रश्रों का उत्तर जरूर खोजिए जैसे, आपकी मनचाही बीमा योजना के क्या नियम-कायदे हैं, कंपनी किस तरह से कितनी छूट देती है और किन शर्तों का पालन कर आप प्रीमियम में कितनी बचत कर सकते हैं?

सही आईडीवी जानें: अपनी कार का बीमा कराते समय कार का घोषित बीमा मूल्य (इंश्योरेंस डिक्लेयर्ड वैल्यू या आईडीवी) सही-सही पता कर लें। बीमा नियामक संस्था आईआरडीए (इरडा) के अनुसार आईडीवी एक समान होना चाहिए। पर ध्यान रहे कि एजेंट या ब्रोकर इसके बारे में आपको गलत जानकारी दे सकते हैं। इसलिए सही आईडीवी बीमा कंपनी से सीधे पता जरूर कर लें।

नई कार में पुरानी पॉलिसी: आपने नई गाड़ी खरीदी है तो कोई जरूरी नहीं है कि इसकी बीमा पॉलिसी भी नई ही लें। आप पुरानी या पिछली पॉलिसी को ही नया रूप दे सकते हैं। पुरानी कार का नो-क्लेम बोनस नई कार पर ट्रांसफर करवाना न भूलें। और, इस प्रक्रिया के जरिए इंश्योरेंस प्रीमियम रकम में भी 20-25 फीसदी की बचत की जा सकती है।

नई-नई सुविधाएं: इंश्योरेंस सेक्टर की अधिकांश कंपनियां कार बीमा में नई-नई सुविधाओं की पेशकश कर रही हैं। दरअसल इरडा ने मोटर बीमा पॉलिसी में किसी भी प्रकार का परिवर्तन करने से बीमा कंपनियों को रोका हुआ है। लिहाजा वे अन्य आकस्मिक खर्चों के लिए एड-ऑन के नए-नए तरीकों से ग्राहकों को लुभा रही हैं।

चोरी/दुघर्टना में लागत मूल्य: एड-ऑन कवर वाली नई योजनाओं की ज्वलंत मिसाल है भारती अक्सा जनरल इंश्योरेंस की एक नई पॉलिसी जिसमें कार चोरी हो जाने अथवा दुघर्टना हो जाने की हालत में कार के पूरे लागत मूल्य की भरपाई की जाती है। इसमें कार के मालिक द्वारा भुगतान किए गए टैक्स भी शामिल हैं। साथ ही कार मालिक दुघर्टना से संबंधित अस्पताल व मेडिकल खर्चों की भरपाई के लिए भी एड-ऑन कवर ले सकते हैं।

फायदा ही फायदा: कार इंश्योरेस में फायदा ही फायदा पाने का एक जरिया नो क्लेम बोनस भी है। इसलिए नो क्लेम बोनस जरूर लें क्योंकि कार खरीदने के पहले साल में आपको ऑन डैमेज प्रीमियम में 20 फीसदी बोनस मिल सकता है जो कि पांचवां साल आते-आते 50 फीसदी तक हो सकता है।

ऑटो संगठन की सदस्यता: यदि आप किसी ऑटोमोबाइल एसोशिएसन के सदस्य नहीं हैं तो तुरंत बन जाइए। इसकी सदस्यता से इंश्योरेंस का लाभ तुरंत मिल जाएगा और साथ ही ऑन डैमेज प्रीमियम पर 5 फीसदी से 200 रुपए तक की छूट मिल सकती है। इसके अलावा अगर आपकी कार में लगाए गए गियर लॉक, डोर लॉक जैसे उपकरण यानी एसेसरीज ऑटोमोटिव रिसर्च एसोशिएसन ऑफ इंडिया से प्रमाणित हों तो इन पर 2.5 फीसदी से 500 रुपए तक का डिस्काउंट मिल सकता है।

एसेसरीज सोच-समझ कर: अपनी प्रिय कार में उन एसेसरीज को न लगवाएं जिन पर बीमा कंपनियां कवर नहीं देतीं। यानी, आपको कार की एसेसरीज का चुनाव सोच-समझ कर करना है। लेकिन साथ ही यह भी ध्यान रहे कि कुछ एसेसरीज के नुकसान की दशा में अगर आप हिस्सा बंटाने की पेशकश करते हैं तो आपको प्रीमियम में छूट मिल सकती है।

खास गाडिय़ों पर छूट: बीमा कंपनियां विशेष गाडियों के इंश्योरेंस प्रीमियम में छूट भी देती हैं। मसलन विकलांग व्यक्ति जिस प्रकार की खास तौर से डिजाइन की गई गाडिय़ां चलाते हैं, उन पर डिस्काउंट मिल जाता है। विकलांगों को ऑन डैमेज प्रीमियम पर 50 फीसदी की छूट भी मिलती है और साथ ही विंटेज कारों को भी प्रीमियम में छूट दी जाती है।

– राजेश विक्रांत (लेखक एक बीमा प्रोफेशनल हैं)

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