2जी स्पेक्ट्रम जैसे घोटालों पर सीएजी की रिपोर्टों ने बवाल मचा रखा है। लेकिन देश की यह शीर्ष ऑडिट संस्था हमारे रक्षा तंत्र पर भी ऐसी तमाम रिपोर्ट जारी करती रहती है जिनमें रक्षा खरीद में हो रही धांधलियों को उजागर किया जाता है। लेकिन उन पर कोई चर्चा नहीं करता। ऊपर से तुर्रा यह कि रक्षा मंत्री ए के एंटनी कहते हैं कि रक्षा खरीद में गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
रक्षा मंत्री ने मंगलवार को दिल्ली में रक्षा अध्ययन और विश्लेषण संस्थान (आईडीएसए) द्वारा आयोजित रक्षा खरीद पर अंतर्राष्ट्रीय बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि यदि रक्षा खरीद में किसी भी तरह का भ्रष्टाचार पाया जाता है तो सरकार इसके खिलाफ अत्यधिक कठोर कदम उठाने से भी नहीं चूकेगी चाहे यह सौदा पूरा होने के अंतिम दौर में ही क्यों ना हो। साथ ही उन्होंने रक्षा आपूर्तिकर्ताओं और विक्रेताओं को विश्वास दिलाया भी कि उन्हें खरीद प्रक्रिया में स्पष्ट और सही स्तर की भूमिका प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि भारतीय करदाताओं के एक भी रूपए को रिश्वत के तौर पर उपयोग नहीं होने दिया जाएगा।
श्री एंटनी ने कहा कि देश में रक्षा खरीद को राजनीतिक निर्णयों द्वारा प्रेरित नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी उत्पाद के तकनीकी पहलू की जांच का स्तर ही यह तय करेगा कि वह काम का है कि नहीं और इसके बाद उसकी खरीद का मूल्य तय किया जाएगा।