बात बराबर है कि बाज़ार, प्राइस डिस्कवरी या मूल्य खोज का माध्यम है। पर इस खोज को कितने झंझावात और कैसे-कैसे प्रभावों से गुजरना होता है, यह पिछले हफ्ते ने खुलकर बता गिया। सोमवार को चीन से असर से बाज़ार इतना गिरा कि लोगो को 1987 के काले सोमवार की याद आ गई। यह बाज़ार की कड़वी हकीकत है। लेकिन यह भी सोचिए कि इसमें कमाता कौन और गंवाता कौन है? अब पकड़ते हैं सोमवार की दशा-दिशा…
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