कौन-से रसातल तक जाएगा बाजार?

यूं तो मिस्र से भारत का कोई सीधा लेनादेना नहीं है, लेकिन मिस्र में उठे राजनीतिक तूफान ने पहले से हैरान-परेशान हमारे शेयर बाजार की हवा और बिगाड़ दी है। वैसे भी जब बुरा दौर चल रहा हो, तब मामूली-सी बुरी खबर भी बिगड़ी सूरत को बदतर बनाने के लिए काफी होती है।

सेंसेक्स आखिरकार आज नीचे में 18,038.48 तक चला गया। हालांकि बाद में सुधरकर 18327.76 पर बंद हुआ। भारतीय बाजार को पसंद करनेवाले किसी भी शख्स के लिए तमाम शेयरों का मूल्यांकन अब बहुत आकर्षक स्तर पर पहुंच चुका है। एलआईसी पहले से खरीद में उतर चुका है और अब तक केवल लांग रहे तमाम एफआईआई मूल्यवान स्टॉक चुनने का सिलसिला शुरू करने जा रहे हैं।

खैर, मूल्यांकन को फिलहाल किनारे रख देते हैं। इधर पिछले छह महीनों में पहली बार तमाम गृहणियों को मैंने मुस्कराते हुए देखा है क्योंकि खाने-पीने की चीजों के दाम में अच्छी-खासी कमी आ गई है। इसमें आगे और कमी आनी है क्योंकि लोगबाग अगले दो-तीन हफ्तों का सामान खरीद चुके हैं। इसलिए मांग क दबाव कुछ दिनों तक थोड़ा मद्धिम ही रहेगा। यह सरकार द्वारा कृषि मंत्री शरद पवार को बनाए रखने के बावजूद हुआ है। अब सरकार कस्टम ड्यूटी में व्यापक कटौती की घोषणा करने जा रही है। इससे मुद्रास्फीति और नीचे आएगी। सरकार को यह बात भी समझ में आ गई है कि पीडीएस के जरिए सप्लाई को दुरुस्त करने की जरूरत है।

यह सब करने के अलावा सरकार के पास कोई चारा नहीं है क्योंकि ऐसा नहीं करने पर उसका वजूद खतरे में पड़ सकता है। साथ ही उसे दीर्घकालिक इंतजाम के लिए कृषि उत्पादन बढ़ाने के उपाय करने होंगे। अनुमान है कि देश के जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में कृषि उत्पादन का योगदान 3.5 फीसदी के वर्तमान स्तर से बढ़ाकर 6 फीसदी तक ले जाया जाएगा।

इस बीच खरीदारी के माकूल मौके के बतौर निफ्टी के कई स्तर गिनाए जा रहे हैं – 5500, 5400, 5300, 5200 और यहां तक कि 4700। मेरी सीधी-साधी समझ यह बनती है कि बाजार चलानेवाले अगर आपको इस स्तर पर खरीदने का अवसर दे रहे हैं और अगर बाजार बढ़ जाता है तो वे आपको निफ्टी के 6000, 6600 या 7000 के स्तर पर निकलने का मौका भी देंगे। आप समझने की कोशिश करें कि मैं क्या कहना चाहता हूं।

अगर बाजार गिरकर 5200 तक चला गया तो यह 4700 और 4000 तक भी चला जाएगा, बशर्ते फंडामेंटल काम नहीं करते। सेंसेक्स 14 से कम के पी/ई अनुपात पर पहुंच चुका है जो ऐतिहासिक रूप से सबसे कम है और स्टॉक्स तो 9 से भी कम पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहे हैं जो 2003 जितना नीचा है। अब आप खुद तय करो कि बाजार में कितना और गिरने की गुंजाइश बची है। अगर निफ्टी अभी के स्तर से 5 फीसदी भी बढ़ जाए तो तमाम स्टॉक्स 20 फीसदी उछल जाएंगे क्योंकि गिरावट भी कमोबेश इसी अनुपात में हुई थी। वैसे, आज के दिन का दूसरा हिस्सा अच्छा रहा। इसलिए लगता है कि निफ्टी अच्छी वापसी करेगा।

कामयाब लोग बेहतर सवाल पूछते हैं। इसलिए उनको जवाब भी बेहतर मिलते हैं।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)

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