चरम पर बिकवाली, क्या होगा हश्र?

शेयर बाजार में आया आतंकवादी धन आखिर है कहां? मीडिया ने जब तीन साल पहले इस पर जमकर हल्ला मचाया था, तब क्यों नहीं इसकी तहकीकात की गई? अब अचानक आतंकवादी धन का मसला उछाल दिया गया जिससे भारतीय शेयर बाजार को करीब 600 अंकों का धक्का लग चुका है।

क्या कोई इसके पीछे का कोई तर्क या तुक समझा सकता है? सबसे अहम बात यह है कि इसे तब उछाला गया है जब संसद में बहस चल रही है। वाकई कमाल का संयोग है! अगर 65 सालों से काले धन का रहस्य नहीं सुलझाया जा सका तो अब इसे कैसे सुलझाया जा रहा है? कोई नहीं जानता। लेकिन यह निवेशकों के लिए अब नया भूत बन गया है और कुछ समय तक बाजार पर इसका साया मंडराता रहेगा।

जो भी हो, इस गिरावट ने निश्चित तौर पर बाजार के बढ़ने का दरवाजा खोल दिया है। मेरा सुझाव है कि अगर वीआईपी इंडस्ट्रीज, जेट एयरवेज, डिश टीवी व पैंटालून रिटेल जैसे मामले न हों जहां बेचकर निकलने की बाध्यता न हो, तो जहां तक संभव हो, शॉर्ट सेलिंग से दूर रहें।

विदेशी निवेश व ब्रोकरेज फर्म सीएलएसए का यह अनुमान कि सेंसेक्स गिरकर 11,000 तक चला जाएगा, पूरी तरह टेक्निकल एनालिसिस पर आधारित है और एकदम बेमतलब है क्योंकि इसी सीएलएसए ने अभी हाल ही में सेंसेक्स को डाउनग्रेड करते हुए भी उसका अनुमान 18,000 से घटाकर 17,000 किया था। यह अपने-आप में बहुत कुछ बयां कर देता है।

इस समय खरीद नहीं सकते तो इस समय इंतजार करने व देखने की रणनीति अपनाई जानी चाहिए। अगर हवा के साथ बहने लगे तो आपसे इसकी ज्यादा से ज्यादा कीमत वसूल कर ली जाएगी। फिलहाल बाजार का हाल यह रहा है कि निफ्टी शुक्रवार के बंद स्तर से करीब 100 अंक नीचे गिरकर खुला। वोलैटिलिटी या उथल-पुथल मची रही। ढाई बजे से बढ़ने का सिलसिला शुरू हुआ। निफ्टी ऊपर में 4623.15 तक चला गया। फिर उससे थोड़ा-सा नीचे 4613.10 पर बंद हुआ। यह 0.83 फीसदी की गिरावट दर्शाता है।

हमें उम्मीद है कि निफ्टी वापस पलटकर 5080 तक आएगा। उसके बाद बहुत जल्दी ही 5400 इसका ठिकाना होगा। कृपया ध्यान दें कि किसी भी चीज की अति बुरी होती है। आज बिकवाली भी अपने चरम पर दिखी और वो भी बिना किसी ठोस वजह के। इसलिए मेरा मानना है कि अब शॉर्ट करनेवालों के लिए रोने का वक्त आ चुका है।

आप रोज़-ब-रोज़ की ज़िंदगी में जो करते हैं, उसी में आपके भविष्य का राज़ छिपा हुआ है।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं पड़ना चाहता। इसलिए अनाम है। वह अंदर की बातें आपके सामने रखता है। लेकिन उसमें बड़बोलापन हो सकता है। आपके निवेश फैसलों के लिए अर्थकाम किसी भी हाल में जिम्मेदार नहीं होगा। यह मूलत: सीएनआई रिसर्च का कॉलम है, जिसे हम यहां आपकी शिक्षा के लिए पेश कर रहे हैं)

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