ज्यादा नमक, ज्यादा मिर्च!

जिंदगी में जितना वॉयड होता है, चाहतें उतनी लाउड होती हैं। धंधेबाज हमारे इस रीतेपन को अमानवीय होने की हद तक भुनाते हैं। उन्हें बेअसर करना है तो हमें अपना रीतापन भरना होगा, चाहतें अपने-आप सम हो जाएंगी।

1 Comment

  1. धनजनित रीतापन भरने के लिये सच्चा सुख चाहिये।

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