बाजार को दोपहर करीब एक घंटे तक दबे रहने के बाद सुधरना पड़ा और निफ्टी 0.84 फीसदी की बढ़त लेकर 5613.55 पर बंद हुआ। कारण, तेजड़िए पिछले दो हफ्तों से लांग हैं या आसान शब्दों में कहा जाए तो बढ़त की उम्मीद में खरीद किए पड़े हैं और वे अब भी नई खरीद किए जा रहे हैं। इसका मतलब यही हुआ कि बाजार निफ्टी को 6000 की तरफ उठाए जा रहा है। हालांकि तेजड़ियों ने 5600 के नीचे ऐसी व्यग्रता पैदा की थी कि मंदड़िए उनके झांसे में आ गए।
इसकी सीधी-सी वजह यह है कि मुंबई से बाहर दिसावरी इलाकों में लोगों को सही व अद्यतन जानकारी मिल नहीं पाती जबकि उनकी दिलचस्पी ट्रेड करने, खासकर शॉर्ट सौदे करने में ज्यादा होती है। लेकिन खबरों व सूचनाओं के लिए वे पूरी तरह बिजनेस चैनलों पर निर्भर हैं। जब तक अगले दिन सुबह (24 घंटे बाद) अखबारों के जरिए उन तक सही खबर पहुंचती है तब तक तो उन्हें नुकसान हो चुका होता है।
मुझे काफी ज्यादा संभावना इस बात की लग रही है कि कल अगर बाजार 5660 पर खुलता है तो वह 5700 को पार कर जाएगा। इसकी उम्मीद इसलिए भी काफी ज्यादा है क्योंकि संकट के कुशल प्रबंधन से यूरोप के बाजारों और डाउ जोंस में तेज सुधार हो रहा है। वैसे भी इसमें कोई अचंभे की बात नहीं है और यह तो होना ही था। लेकिन कुछ लोगों को बाजार को नचाना होता है, उठाना-गिराना होता है तो उन्हें कुछ बहानों या ट्रिगर की दरकार होती ही होती है।
खैर, जेट एयरवेज, सेंचुरी टेक्सटाइल्स और बॉम्बे डाईंग अच्छी खरीद के चलते धमाके के मुहाने पर हैं, जबकि वीआईपी इंडस्ट्रीज का स्टॉक अति-मूल्यांकन का शिकार हो चुका है। वीआईपी इंडस्ट्रीज की पहली तिमाही के नतीजे बाजार को खुश करनेवाले नहीं होंगे। कारण, बीते वित्त वर्ष 2010-11 की पहली तिमाही में उसका शुद्ध लाभ 32.20 करोड़ रुपए था, जबकि चौथी तिमाही यानी ठीक पिछली तिमाही में यह 15.40 करोड़ रुपए था। इसलिए इसके शुद्ध लाभ में तिमाही से तिमाही की वृद्धि भले ही हो जाए, सालाना तुलना में बढ़त हासिल करना बेहद मुश्किल है, बशर्ते कोई चमत्कार न हो जाए।
खराब नतीजों के कारण क्रॉम्प्टन ग्रीव्स का शेयर आज धड़ाम से गिर गया। वीआईपी का भी यही हश्र हो सकता है क्योंकि इतने खिंचे हुए मूल्यांकन पर लोगबाग इसे खरीदे ही चले जा रहे हैं। ऐसी खरीद की बदौलत ही वीआईपी आज 52 हफ्तों के शिखर 912.60 रुपए पर जा पहुंचा और बंद हुआ है 5.16 फीसदी की बढ़त लेकर 907.35 रुपए पर। आज क्रॉम्प्टन ग्रीव्स 14.23 फीसदी गिरकर 207.65 रुपए पर पहुंच गया। कहीं नतीजों के बाद वीआईपी इंडस्ट्रीज के साथ भी ऐसा ही हादसा न हो जाए। इसलिए सावधान!!
पिछले एक हफ्ते से सभी रीयल्टी स्टॉक्स को अच्छे खरीदार मिल रहे हैं। यह दिखाता है कि इस सेक्टर का सबसे बुरा वक्त अब बीत चुका है। इस बीच चर्चा चल पड़ी है कि सरकार रीयल्टी क्षेत्र को नियंत्रित करने के लिए कोई नियामक संस्था बनाने जा रही है। इस सेक्टर में अनुशासन आ जाए तो अच्छा ही है। वैसे, इस सेक्टर में बॉम्बे डाईंग और सेंचुरी टेक्सटाइल्स तो मूलतः इस क्षेत्र की न होते हुए भी विशाल जमीन का भंडार लिए बैठी हैं, जिसे देखते हुए कहा जा सकता है कि उनके स्टॉक इस समय मुफ्त में उपल्बध हैं।
इंसान ही इस सृष्टि का इकलौता जीव है जो अपनी क्षमताओं को अनंत सीमा तक निखार सकता है।
(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। यह मूलत: सीएनआई रिसर्च का फीस-वाला कॉलम है, जिसे हम यहां मुफ्त में पेश कर रहे हैं)