जय-विजय हो विजया बैंक की

विजया बैंक पिछले चार सालों से लगातार लाभांश देता रहा है। इस बार भी उसकी बोर्ड मीटिंग 30 अप्रैल को है जिसमें वित्त वर्ष 2009-10 के नतीजों के साथ ही लाभांश देने पर विचार किया जाएगा। मंगलवार को उसका शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में 2.58 फीसदी बढ़कर 49.70 रुपए और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में 2.79 फीसदी बढ़कर 49.75 रुपए पर बंद हुआ है। यह शेयर बीएसई-200 सूचकांक का हिस्सा है। इसलिए इस पर कोई सर्किट ब्रेकर लागू नहीं होता। यानी, इसका शेयर बेरोकटोक कितना भी बढ़ सकता है।

इस समय इसमें जबरदस्त ट्रेडिंग हो रही है। मंगलवार को बीएसई में इसके 3.79 लाख और एनएसई में 23.64 लाख शेयरों के सौदे हुए हैं। इस शेयर का अंकित मूल्य 10 रुपए है। सबसे खास बात यह है कि इसके शेयर का भाव उसकी बुक वैल्यू से नीचे चल रहा है। शेयर की बुक वैल्यू 53.47 रुपए है जबकि उसका बाजार भाव 50 रुपए के आसपास है। बैंकिंग सेक्टर के बारे में माना जाता है कि अगर किसी शेयर की बुक वैल्यू उसके बाजार भाव से ज्यादा है तो उसमें निवेश बेहद सुरक्षित है। बीएसई में 52 हफ्ते का इसका उच्चतम भाव 58.75 रुपए और न्यूनतम भाव 26 रुपए रहा है।

बैंक का कामकाज भी अच्छा चल रहा है। वित्त वर्ष 2008-09 में उसने 5237,82 करोड़ रुपए की आय पर 262.48 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया था और उसकी प्रति शेयर कमाई (ईपीएस) 6.05 रुपए थी। दिसंबर 2009 की तिमाही में उसकी आय 1344.31 करोड़ रुपए और शुद्ध लाभ 124.57 करोड़ रुपए था। बैंक की मौजूदा चुकता पूंजी 433.52 करोड़ रुपए है। इसमें भारत सरकार की हिस्सेदारी 53.87 फीसदी है। उसका मौजूदा पूंजी पर्याप्तता अनुपात 13.34 फीसदी और एनपीए (गैर निष्पादित आस्तियां) 1.30 फीसदी है।

इस बार के बजट में वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने सरकारी बैंकों की पूंजी में 16,500 करोड़ रुपए लगाने की जो घोषणा की है, उसमें से 1200 करोड़ विजया बैंक को मिलने हैं। इसमें से 700 करोड़ रुपए उसे 31 मार्च 2010 तक मिल जाने थे। बैंक की अधिकृत पूंजी पहले ही 1500 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 3000 करोड़ रुपए की जा चुकी है। जाहिर है विजया बैंक लंबे निवेश के लिए बेहद सुरक्षित व मुफीद शेयर है।

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