यूनिटी इंफ्राप्रोजेक्ट्स का शेयर एक साल एक दिन पहले 16 जुलाई 2010 को 123 रुपए की चोटी पर बैठा हुआ था। एक दिन पहले कल 62.90 रुपए पर था। वो भी 22 मार्च 2011 को 52.60 रुपए तक की खाईं में गिर जाने के बाद। बीएसई सेंसेक्स इसी दौरान 17955.82 से 3.69 फीसदी बढ़कर 18,618.20 पर पहुंच गया, जबकि यह 48.86 फीसदी गिर चुका है। इसीलिए सेंसेक्स को देखकर पूरे बाजार का हाल नहीं जाना जा सकता। वैसे भी जहां करीब 3000 शेयरों में हर दिन सक्रिय ट्रेडिंग होती हो, वहां 30 का समूह बाजार का पूरा हाल नहीं बयां कर सकता। इसीलिए जानकार कहते हैं कि सेंसेक्स में 30 के बजाय 100 कंपनियां शामिल की जानी चाहिए।
खैर, जिस यूनिटी इंफ्राप्रोजेक्ट्स ने साल भर में निवेशकों की पूंजी आधी कर दी हो, क्या उसमें इस समय निवेश करने में समझदारी है? जैसा कि नाम से जाहिर है, यह कंस्टक्शन, इंजीनियरिंग व इंफ्रास्ट्रक्चर का काम करती है। इसे छोटे में ईपीसी (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट व कंस्ट्रक्शन) कहते हैं। मुंबई की कंपनी है। बिल्डिंग, पानी और परिवहन के काम में अच्छा दखल रखती है। उसे करीब 78 फीसदी ठेके सरकारी व अर्ध-सरकारी संगठनों से मिलते हैं, जबकि 22 फीसदी काम उसे निजी क्षेत्र से मिलता है।
बीते वित्त वर्ष 2010-11 में कंपनी ने अपने कामकाज से 1701.52 करोड़ रुपए की आय पर 94.35 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया है। उसकी आय साल भर पहले से 15.22 फीसदी और शुद्ध लाभ 10.83 फीसदी ज्यादा है। वैसे तो अब जून 2011 की तिमाही के भी नतीजे आनेवाले हैं। लेकिन मार्च 2011 की तिमाही की बात करें तो उसकी बिक्री साल भर पहले की समान अवधि की तुलना में 15.60 फीसदी बढ़कर 570.29 करोड़ रुपए और शुद्ध लाभ 10.95 फीसदी बढ़कर 30.69 करोड़ रुपए हो गया। इस दौरान उसका परिचालन लाभ मार्जिन भी 12.63 फीसदी से बढ़कर 13.76 फीसदी हो गया।
स्टैंड-अलोन रूप से उसका मौजूदा सालाना ईपीएस (प्रति शेयर शुद्ध लाभ) 12.73 रुपए है। उसका दो रुपए अंकित मूल्य का शेयर कल बीएसई (कोड – 532746) में 1.21 फीसदी बढ़कर 62.90 रुपए और एनएसई (कोड – UNITY) में 0.40 फीसदी बढ़कर 62.95 रुपए पर बंद हुआ है। शेयर की मौजूदा बुक वैल्यू ही इससे ज्यादा 87.84 रुपए है। इसकी गणना यूं की जा सकती है कि उसकी कुल इक्विटी 14.82 रुपए है। इसमें 636.08 करोड़ रुपए के रिजर्व को जोड़ दे तो नेटवर्थ निकलती है 650.90 करोड़ रुपए। इसे कुल जारी शेयरों की संख्या 7.41 करोड़ से भाग दे दें तो प्रति शेयर बुक वैल्यू आती 87.84 रुपए।
अभी 62.90 रुपए का बाजार भाव पकड़ें तो शेयर 4.94 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। यह मई 2009 के बाद से उसका सबसे कम पी/ई अनुपात है। जनवरी 2010 में वह 14.77 के पी/ई पर ट्रेड हो चुका है। तब उसका भाव 129.76 रुपए तक चला गया था। इसकी समकक्ष कंपनियों में इंडिया बुल्स रीयल एस्टेट का शेयर 28.6 और सद्भाव इंजीनियरिंग का शेयर 22.7 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। इसलिए यूनिटी इंफ्राप्रोजेक्ट्स में बढ़ने की संभावना तो साफ नजर आती है।
वैसे, बढ़ना इस बात पर निर्भर करेगा कि उसका भावी कामकाज कैसा रहता है और भावी कामकाज का संकेत इससे मिल सकता है कि अभी उसके पास कितने के ऑर्डर हैं। पिछले महीने 8 जून को उसे ग्वालियर (मध्य प्रदेश) में एक नहर बनाने के लिए 99.74 करोड़ रुपए का ठेका मिला है। यह प्रोजेक्ट उसे 18 महीने के भीतर पूरा करना है। हाल भी में उसे राजस्थान में 198 करोड़ रुपए की सड़क परियोजना बॉट (बिल्ट, ऑपरेट, ट्रांसफर) आधार पर 25 सालों के लिए मिली है।
ब्रोकरेज फर्म एचडीएफसी सिक्यूरिटीज की ताजा रिपोर्ट के अनुसार कंपनी के पास अभी 3600 करोड़ रुपए के बकाया ऑर्डर हैं, जबकि 1250 करोड़ रुपए के ऑर्डरों पर बातचीत चल रही है। 3600 करोड़ रुपए के जो ऑर्डर हाथ में आ चुके हैं, उनमें से 52 फीसदी बिल्डिंग सेगमेंट के, 35 फीसदी पानी की परियोजनाओं के और बाकी 13 फीसदी परिवहन परियोजनाओं से ताल्लुक रखते हैं। कंपनी को महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के अलावा कर्नाटक से भी बड़े ऑर्डर मिलने की उम्मीद है। कंपनी प्रबंधन को इस साल अपनी आय 25 फीसदी बढ़ने का अनुमान है।
कंपनी की स्थापना 1979 में किशोर के अवारसेकर व उनके सहयोगियों ने की थी। उनका के के समूह कांक्रीट ब्लॉक के निर्माण से लेकर खदान, होटल व रिटेल उद्योग तक में सक्रिय है। कंपनी के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक किशोर के अवारसेकर हैं। उसके नौ सदस्यीय निदेशक बोर्ड में चार स्वतंत्र निदेशक हैं। कंपनी ने 2006 से लेकर 2010 तक लगातार लाभांश दिया है। इस साल 2011 में भी उसने दो रुपए के शेयर पर एक रुपए यानी 50 फीसदी लाभांश की घोषणा की है। उसने अपना दस रुपए अंकित मूल्य का शेयर पिछले साल अप्रैल 2010 से दो रुपए अंकित मूल्य के शेयरों में विभाजित कर दिया है।
कंपनी की 14.82 करोड़ रुपए की इक्विटी में पब्लिक का हिस्सा 37.29 फीसदी और प्रवर्तकों का हिस्सा 62.71 फीसदी है। पब्लिक के हिस्से में से 11.64 फीसदी शेयर एफआईआई और 6.56 फीसदी शेयर डीआईआई के पास हैं। सितंबर 2010 से मार्च 2011 तक एफआईआई ने कंपनी में अपना निवेश बढ़ाया है, जबकि डीआईआई ने घटाया है। कंपनी के कुल शेयरधारकों की संख्या 23,232 है। उसके बड़े शेयरधारकों में यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस (4.45 फीसदी), मॉरगन स्टैनले मॉरीशस (3.79 फीसदी), एलआईसी (1.50 फीसदी) और आशीष धवन (1.21 फीसदी) शामिल हैं।