सत्य व कपट

वो सभा, सभा नहीं जिसमें गुरुजन न हों। वे गुरुजन, गुरुजन नहीं जिनकी वाणी में सदाचार न हो। वह सदाचार, सदाचार नहीं जिसमें सत्य न हो। वो सत्य, सत्य नहीं जो किसी को कपट के लिए उकसाता हो।

 

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