धन चला जाए तो पाया जा सकता है। स्वास्थ्य चला जाए तो दोबारा हासिल किया जा सकता है। यहां तक कि चरित्र भी चला जाए तो उसे सुधारा जा सकता है। लेकिन समय चला जाए तो उसे फिर से पाना असंभव है।
2010-07-20
धन चला जाए तो पाया जा सकता है। स्वास्थ्य चला जाए तो दोबारा हासिल किया जा सकता है। यहां तक कि चरित्र भी चला जाए तो उसे सुधारा जा सकता है। लेकिन समय चला जाए तो उसे फिर से पाना असंभव है।
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सत्य ही कहा है!
जो समय का मूल्य समझता है वही जीवन का सदुपयोग कर पाता है, संसार में समय से अधिक मूल्यवान वस्तु और कोई नही हो सकती है।
मानव जीवन में वास्तविक समय का उपयोग तो वही होता है जो समय ईश्वर के चिंतन में व्यय किया जाता है।
सत्य वचन प्रभु!!
समय ही नहीं रहा तो बाकी उपलब्धियों का क्या अर्थ।