चार्ट बदला घंटे-घंटे से दिन-दिन में

पहले औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के बढ़ने की दर दिसंबर में घटकर 1.8 फीसदी रह जाने की खबर आई। फिर यह खबर आ गई कि मॉरगन स्टैनली कैपिटल इंटरनेशनल (एमएससीआई) ने उभरते बाज़ारों में कैश होल्डिंग शून्य से बढ़ाकर दो फीसदी कर ली है। इन दो खबरों ने बाजार में घबराहट फैला दी। सभी लोग खटाखट लांग सौदे काटकर शॉर्ट सौदे करने में जुट गए। पंटर भाई लोग तो 5200 से ही शॉर्ट हुए पड़े हैं जिनमें एफआईआई जैसे अच्छी ट्रेडिंग करनेवाले भी शामिल हैं।

निफ्टी पहले 200 दिनों के मूविंग औसत (डीएमए) के पार गया, फिर 5300 और फिर 5400 के ऊपर चला गया। जैसा कि मैं आपको बता चुका हूं कि बहुत से एफआईआई मानते थे कि 5450 उठने की आखिरी सीमा है। इसलिए उन्होंने बिकवाली शुरू कर दी। लेकिन टेक्निकल एनालिसिस पर आधारित चार्ट दिखा रहे हैं कि करेक्शन के पहले निफ्टी 5500 को पार कर जाएगा।

खैर जो भी हो। हमने शॉर्ट और लांग सौदों को मैच करने में महारत हासिल कर ली है ताकि आपको नुकसान से बचाया जा सके। अगर निफ्टी 5320 का स्तर तोड़ता है तो हम फिर से शॉर्ट सौदे करेंगे। इस दरमियान 5480 से 5500 तक हम अपना झुकाव लांग सौदों की तरफ ही रखेंगे।

मूलभूत पहलुओ या फंडामेंटल्स की बात करें तो बाजार का मूल्य निश्चित रूप से चढ़ा हुआ है और इसमें तगड़े करेक्शन की दरकार है। लेकिन अब यह कोई रहस्य नहीं रह गया है। पंटर लोग या तो शॉर्ट हैं या रैली में भागीदारी नहीं कर रहे। हां, खांटी किस्म के ट्रेडर हर दिन पक्का स्टॉप लॉस लगाकर बराबर लांग सौदे किए जा रहे हैं और निफ्टी के 50 अंक गिरने पर भी खटाक से सारे सौदे काट डालते हैं।

इस तरीके से तो ऑपरेटर कभी निकल ही नहीं पाएंगे। पिछले चार दिनों की तरह आज भी उम्मीद थी कि आखिरी 45 मिनट में तेज बढ़त होगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वैसे, पिछले हफ्ते उस्ताद लोग घंटे-घंटे के चार्ट पर खेलते रहे, जबकि इस हफ्ते यह खेल हर दिन के चार्ट के हिसाब से हुआ। कैश बाजार में निफ्टी 5427.75 तक उठने के बाद 5381.60 पर बंद हुआ है, जबकि निफ्टी फ्यूचर्स 5443 तक जाने के बाद 5388.05 पर थमा है।

अगर साप्ताहिक क्लोजिंग 5500 पर हुई होती तो सोचिए क्या होता? हर कोई डर के मारे शॉर्ट सौदे करने में जुट जाता। नजरिए के बदलने से बाजार का पूरा खेल बदल जाएगा। चलिए देखते हैं कि कौन जीतता है। हम बाजार की दशा-दिशा के साथ लय-ताल मिलाकर चलने की रणनीति पर कायम रहेंगे। वन मैन आर्मी (केतन पारेख) और कुछ म्यूचुअल फंड जयप्रकाश पावर वेंचर्स को बड़े पैमाने पर बटोर रहे हैं। उनका आकलन है कि बजट में इस क्षेत्र को लेकर विशेष उपाय किए जा सकते हैं।

अच्छे बिजनेस लीडर नई दृष्टि पैदा करते हैं, उसे पैना करते हैं, उस पर डूबकर अमल करते हैं और अथक मेहनत से उसे पूर्णता तक पहुंचाते हैं।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं पड़ना चाहता। इसलिए अनाम है। वह अंदर की बातें आपके सामने रखता है। लेकिन उसमें बड़बोलापन हो सकता है। आपके निवेश फैसलों के लिए अर्थकाम किसी भी हाल में जिम्मेदार नहीं होगा। यह मूलत: सीएनआई रिसर्च का कॉलम है, जिसे हम यहां आपकी शिक्षा के लिए पेश कर रहे हैं)

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