अलीबाबा बने हैं बाजार के उस्ताद

बाजार में 11 बजे से 12.45 बजे तक का विशेष ट्रेडिंग सत्र। पौने दो घंटे का कारोबार। बाजार लगभग सपाट। निफ्टी व सेंसेक्स में मामूली गिरावट। लेकिन फर्टिलाइजर कंपनियों के शेयर सब्सिडी की खबर के चलते उछल गए। लेकिन उनकी यह उठान समय के साथ थम जाएगी। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में हमने पिछले हफ्ते के शुरू में ही खरीद की सलाह दी थी और हमने जो कहा था, उसे हासिल कर लिया है।

शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एससीआई) अभी तक अपनी ताकत नहीं दिखा सका है। हालांकि वह भी आज 4.36 फीसदी बढ़ गया है। सोमवार को इसमें टेक्निकल ब्रेक-आउट की उम्मीद है। तब सारी दुनिया इस स्टॉक में पैंटालून और वेलस्पन कॉरपोरेशन की तरह खरीद की कॉल देती हुई नजर आएगी। वैसे, चाहे कुछ भी हो जाए, निफ्टी पहले 4850 और फिर 4890 तक पहुंच कर रहेगा। अगर यह 5100 तक पहुंच जाए तो मुझे कोई आश्चर्य नहीं होगा क्योंकि सकल मुद्रास्फीति की दर दिसंबर में 8 फीसदी से नीचे चली जाएगी।

अंततः जब सारी दुनिया कह रही थी कि जनवरी बाजार के लिए बुरा महीना रहेगा, तब मैंने आपसे कहा था कि यह अच्छा महीना रहेगा क्योंकि इतिहास अपने-आप को दोहराता है, हालांकि हर बार नहीं, कभी-कभार। कैश सेटलमेंट बाजार के उस्तादों के लिए अलीबाबा का ‘खुल जा सिमसिम’ बना हुआ है। इसलिए बाजार उठे या गिरे, वे हमेशा कुलांचे मारकर बढ़ते रहते हैं।

एफआईआई और डीआईआई औरों के धन से, देशी-विदेशी जनता के धन से खेलते हैं। इसलिए उन्हें पूंजी को बचाने की कोई परवाह नहीं होती। लेकिन रिटेल निवेशक व एचएनआई कैश सेटलमेट के कैंसर की सबसे ज्यादा मार झेल रहे हैं।

सीमाओं की बात सोचना बंद दो और संभावनाओं के संदर्भ में सोचना शुरू कर दो।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं पड़ना चाहता। इसलिए अनाम है। वह अंदर की बातें आपके सामने रखता है। लेकिन उसमें बड़बोलापन हो सकता है। आपके निवेश फैसलों के लिए अर्थकाम किसी भी हाल में जिम्मेदार नहीं होगा। यह मूलत: सीएनआई रिसर्च का कॉलम है, जिसे हम यहां आपकी शिक्षा के लिए पेश कर रहे हैं)

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