आईआईटी के छात्रों में आत्महत्या के बढ़ते मामलों की रोकथाम के लिए सरकार ने एक टास्क फोर्स बनाने का फैसला किया है। इसमें अभिभावकों, शिक्षकों, पुराने छात्रों और प्रोफेशनल सलाहकारों को शामिल किया जाएगा। इसके गठन का जिम्मा आईआईटी परिषद का है। टास्क फोर्स की अध्यक्षता किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति को दी जाएगी। टास्क फोर्स चार महीने में अपनी रिपोर्ट सौपेगी।
बुधवार को आईआईटी दिल्ली के परिसर में परिषद की बैठक में तय किया गया। इसमें मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि आईआईटी को विश्व के प्रौद्योगिकी नेतृत्व की अगली पीढ़ी में भारत को आगे ले जाने के लिए वैश्विक स्तर पर उत्कृष्ट संस्थानों के रूप में उभरना होगा। बैठक में सांसद वसंती स्टेनली, जनार्दन स्वामी और दीपेन्द्र हुडा, सभी आईआईटी के प्रमुखों व निदेशकों के अलावा कई वैज्ञानिकों और तकनीक-विदों ने हिस्सा लिया।
डॉ. अनिल काकोदकर और प्रोफसर झुनझुनवाला ने आईआईटी को वैश्विक उत्कृष्टता तक ले जाने की रूपरेखा बनाने के लिए समिति की सिफारिशों पर एक प्रजेंटेशन पेश किया। इन पर गौर करने के बाद तय हुआ है कि आईआईटी तंत्र की स्वायत्ता बढ़ाने संबंधी सिफारिशों पर अमल के एक विशेष टास्क फोर्स गठित की जाएगी। इसका लक्ष्य हर साल दस हजार डॉक्ट्रेट की डिग्री वाले छात्रों को तैयार करने के लिए आईआईटी संस्थानों के शोध क्षेत्र का विस्तार करना और शिक्षकों की संख्या बढ़ाना है। इस समय आईआईटी से हर साल लगभग एक हजार छात्र डॉक्ट्रेट की डिग्री लेकर निकलते हैं।
परिषद ने विज्ञान और इंजीनियरिंग विषयों में स्नातक कक्षाओं में प्रवेश के लिए देशव्यापी संयुक्त प्रवेश परीक्षा पर डॉ. रामास्वामी की रिपोर्ट पर विचार विमर्श किया। परिषद में परीक्षा प्रक्रिया में ऐसे सुधारों पर सहमति बनी जिनसे कोचिंग पर निर्भरता कम हो और परीक्षा प्रक्रिया 12वीं कक्षा के सिलेबस के ही अनुकूल होगी। इसके तहत छात्रों को 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में प्राप्त अंकों के आधार पर वेटेज दिया जाएगा। यह वेटेज सीबीएसई और अन्य राज्य बोर्डों के छात्रों के औसत प्रदर्शन पर आधारित होगा।
परिषद के सामने विचार के लिए छह विकल्प रखे गए थे, जिन पर सदस्यों के विचार मांगे गए। सदस्यों के विचारों के आधार पर डॉ. रामास्वामी एक माह के अंदर रिपोर्ट को अंतिम रूप देंगे। यह रिपोर्ट कैब और राज्यों के शिक्षा मंत्रियों के पास भी अंतिम निर्णय के लिए भेजी जाएगी, ताकि नयी प्रणाली को शैक्षिक सत्र 2013-14 से लागू किया जा सके।