बहुत सारी कंपनियां बहुत सारी वजहों से इल्लिक्विड हो जाती हैं। लेकिन बी ग्रुप की किसी अच्छी-खासी कंपनी में अगर बिना किसी वजह के दिन भर में केवल एक शेयर की खरीद-फरोख्त हो तो हमारे पूंजी बाजार नियामक, सेबी को जरूर सोचना चाहिए कि बाजार में ऐसा सन्नाटा क्यों है भाई? यहां बुरे का बोलबाला, अच्छे का मुंह काला क्यों है? दक्षिण भारत की कंपनी श्रीराम सिटी यूनियन फाइनेंस के साथ बीते हफ्ते यही हुआ। शुक्रवार, 2औरऔर भी

एमएससीआई (मॉरगन स्टैनले कैपिटल इंटरनेशनल) सूचकांक को बदला जा रहा है। इसमें उभरते बाजारों का वजन बढ़ाया जाएगा। इससे भारतीय बाजार में एफआईआई की खरीद 13 करोड़ डॉलर बढ़ सकती है। लेकिन बाजार के लिए 13 करोड़ डॉलर कोई मायने नहीं रखता। साथ ही इस एमएससीआई के भारत सूचकांक में छह नई कंपनियों – टाइटन इंडस्ट्रीज, डाबर इंडिया, श्रीराम ट्रांसपोर्ट, मुंद्रा पोर्ट, बैंक ऑफ इंडिया और एशियन पेंट्स को शामिल किया गया है। बाजार में आम गिरावटऔरऔर भी