मानसून की सही व अच्छी शुरूआत, लेकिन आर्थिक विकास दर में कमी, कंपनियों के लाभार्जन का सिकुड़ना और मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर को बैंकों के ऋण-प्रवाह में कमी। यह सब ऐसी बातें हैं जिनके सम्मिलित प्रभाव से हो सकता है कि रिजर्व बैंक अब ब्याज दरों को बढ़ाने का सिलसिला रोक दे। हालांकि चीन सीआरआर (केंद्रीय बैंक के पास बैंकों द्वारा अनिवार्य रूप से रखा जानेवाला कैश) में एक और वृद्धि करनेवाला है। लेकिन भारत में ब्याज दर कीऔरऔर भी

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा बैंकों के लिए उनकी गैर.निष्पादित आस्तियों (एनपीए) के एवज में किए जानेवाले जोखिम प्रावधान राशि में हाल में दी गई ढील के बाद माना जा रहा है कि इससे बैंकों के मुनाफे में सुधार आएगा। रिजर्व बैंक ने कई बैंकों से इस संबंध में ज्ञापन मिलने के बाद उन्हें यह ढील दी है। उसने कहा कि जब तक वह प्रोविजनिंग के विस्तृत नियम जारी नहीं कर देता है, तब तक बैंक सितंबर 2010औरऔर भी