हम थोक मूल्य सूचकांक (WPI) पर आधारित थोक मुद्रास्फीति को मुद्रास्फीति ही कहें और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति को महंगाई मानें तो महंगाई की दर मई में घटकर 9.31 फीसदी पर आ गई है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) की तरफ से बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक मई 2013 में सीपीआई 129.2 दर्ज किया गया है, जबकि साल भर पहले मई 2012 में यह 118.2 रहा था। इस तरह इस सूचकांक के बढ़नेऔरऔर भी

पिछले 52 हफ्तों की खाद्य मुद्रास्फीति का औसत भले ही 10.52 फीसदी हो, लेकिन सरकार के लिए सुकून की बात है कि इसकी दर 19 नवंबर को खत्म सप्ताह में ठीक 8 फीसदी पर आ गई है। इससे पिछले हफ्ते खाद्य वस्तुओं के थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित यह दर 9.03 फीसदी थी। मुद्रास्फीति को अभी के हफ्ते के थोक मूल्य सूचकांक और साल पहले के हफ्ते के थोक मूल्य सूचकांक के अंतर के प्रतिशत के रूपऔरऔर भी

देश में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 11 जून को समाप्त हुए सप्ताह में बढ़कर 9.13% पर पहुंच गई। यह ढाई महीने का उच्च स्तर है। फल, दूध, प्याज और प्रोटीन-युक्त वस्तुओं की कीमतें बढ़ने से खाद्य मुद्रास्फीति बढ़ी है। इससे पिछले सप्ताह में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित खाद्य मुद्रास्फीति 8.96% थी। वहीं साल भर पहले जून, 2010 के दूसरे सप्ताह में खाद्य मुद्रास्फीति की दर करीब 23 फीसदी थी। 26 मार्च, 2011 को समाप्त हुए सप्ताहऔरऔर भी

खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति की दर 23 अप्रैल को खत्म हुए सप्ताह में घटकर 8.53 फीसदी पर आ गई। लेकिन ईंधन व बिजली का सूचकांक इसी दौरान 13.53 फीसदी बढ़ गया। नतीजतन प्राथमिक वस्तुओं की महंगाई दर दहाई अंक में 12.11 फीसदी पर डटी हुई है। बता दें कि थोक मूल्य सूचकांक में खाद्य वस्तुओं का भार 14.34 फीसदी और ईंघन व बिजली का 14.91 फीसदी है। वैसे, तुलनात्मक रूप से देखें तो प्राथमिक वस्तुओं की महंगाईऔरऔर भी