मई के डेरिवेटिव सौदों की एक्सपायरी कल महीने के अंतिम गुरुवार को पूरी हो गई। नतीजा आ चुका है यह देखने का कि हफ्ते भर पहले 21 मई को निफ्टी ऑप्शन में ट्रेडिंग की जो तीन रणनीतियां हमने अपनाई थीं, वे कितनी कामयाब रहीं, उन्होंने कितना कमाया या गंवाया है और उनका रिटर्न कितना रहा है? इसी के आधार पर हम समझ पाएंगे कि इन्हें अपनाने में क्या-क्या दूसरी सावधानियां बरती जानी चाहिए थीं। 21 मई 2020औरऔर भी

हम कभी किसान-प्रधान देश रहे होंगे। अब तो व्यापारियों के देश बनते जा रहे हैं। जिसको जहां जगह मिलती है, वहीं दुकान खोलकर बैठ जाता है। ज्वैलर के बगल में ज्वैलर, पानवाले के बगल दूसरा पानवाला, समोसे-पकौड़े की दुकानें एकदम सटी-सटी। सब कमा रहे होंगे, तभी तो दुकानें खोल रहे हैं। लेकिन अजीब विरोधाभास है कि हम ट्रेडर नहीं बन पा रहे। यहां बात शेयर व कमोडिटी बाज़ार की हो रही है। अधिकांश ट्रेडर घाटे में क्यों?औरऔर भी

जिस फाइनेंस क्षेत्र का काम आम बचत को खींचकर देश के उद्योगीकरण में लगाना है, वह पूरी तरह लोगों को छलने में लगा है। शेयर बाज़ार का छल तो जगजाहिर है। लेकिन खतरनाक बात यह है कि इसमें बीमा से लेकर समूचा बैंकिंग क्षेत्र भी शामिल हो गया है। यहां तक कि सरकारी बीमा कंपनी, भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के कारिंदे भी किसी से कम नहीं हैं। हो सकता है कि आपको भी हाल में इसऔरऔर भी

ठीक आज की तारीख को साल भर पहले इसी कॉलम में हमने नैटको फार्मा में निवेश की सलाह दी थी। तब उसका शेयर 340 रुपए चल रहा था। इसके बाद 20 दिसंबर 2012 को वो 505 रुपए तक चला गया और अभी 430 रुपए चल रहा है। इतना नीचे आने के बाद भी 26.47 फीसदी का रिटर्न। यह है शेयर बाज़ार में अच्छी कंपनियों में निवेश का फायदा। इसे कहते हैं कंपनी के बढ़ने के साथ निवेशऔरऔर भी

ब्लूमबर्ग ने स्टोरी चलाई है कि अमेरिकी शेयर बाजार से संबद्ध स्टैंडर्ड एंड पुअर्स (एस एंड पी) सूचकांक में तेजी आ रही है। यह विश्लेषण के आधार पर निकला निष्कर्ष है जो मीडिया अब पेश कर रहा है, जबकि हम तो आपको 2008 से ही समय-समय पर एस एंड पी में लक्ष्य देते रहे है। हमने अनुमान जताया था कि 1250 को पार करते ही एस एंड पी भागने लगेगा। अब ऐसा हो रहा है और हरऔरऔर भी

बाजार का जो भी खेल है, यहां अपग्रेड और डाउनग्रेड गलत वक्त पर होते हैं। हमने एसकेएस माइक्रो फाइनेंस को 800 रुपए पर डाउगग्रेड किया था और अब देखिए उसका हश्र क्या है। हमने एसबीआई को 3500 रुपए पर डाउनग्रेड किया था, बाजार अब कर रहा है। हमने मुथूत फाइनेंस के बारे में नकारात्मक राय रखी और लिस्टिंग पर उसका हाल-बेहाल सामने आ गया. है। हमें यकीन है कि यह स्टॉक घटकर 123 रुपए तक आ जाएगाऔरऔर भी