न कचरा, न एंटीक
पुरानी निर्जीव चीजें समय बीतने के साथ या तो कचरा बन जाती है या एंटीक बनकर सजावटी हो जाती हैं। लेकिन ज्ञान का सजीव प्रवाह धूमिल भले ही पड़ जाए, कभी कचरा या एंटीक नहीं बन सकता।और भीऔर भी
पुरानी निर्जीव चीजें समय बीतने के साथ या तो कचरा बन जाती है या एंटीक बनकर सजावटी हो जाती हैं। लेकिन ज्ञान का सजीव प्रवाह धूमिल भले ही पड़ जाए, कभी कचरा या एंटीक नहीं बन सकता।और भीऔर भी
पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी जल्द ही कलाकृतियों, एंटीक की चीजों, दुर्लभ सिक्कों व स्टैंप कलेक्शन में निवेश करनेवाले फंडों के लिए कड़े नियम तय कर सकती है। सेबी का मकसद इस तरह के निवेश में काले धन के प्रवाह को रोकना और सच्चे निवेशकों के हितों का संरक्षण है। सेबी पेंटिंग, प्राचीन दुर्लभ वस्तुओं, सिक्कों और डाक टिकटों में निवेश करने वाले फंडों को ‘सामूहिक निवेश योजना (सीआईएस)’ मानता है। इसके नाते ऐसे सभी निवेश फंडऔरऔर भी
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