उठा जरूर, पर गिरने का डर बरकरार

बाजार अब भी खुद को संभालने की जद्दोजहद में लगा है। सुबह की पस्ती के बाद चीते की तरह बढ़ा। निफ्टी 5330 और सेंसेक्स 17,755 तक जाकर थोड़ा नीचे आया है। इस बीच रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) का करीब 3 फीसदी बढ़ जाना थोड़ा सुकून दे रहा है क्योंकि अंततः कंपनी को डी-6 ब्लॉक में कुछ गैस मिल गई है और भारत सरकार की तरफ से सकारात्मक बयान आए हैं। क्या इसके बाद अब आरआईएल में दूसरी बार वापसी होगी? अगर हां, तो बाजार यकीकन 5250 के स्तर से मुक्ति पाकर ऊपर उठेगा। लेकिन हम अब भी निफ्टी के 5050 तक गिर जाने की आशंका को ठुकरा नहीं कर सकते।

हमने इसी सेटलमेंट में बाजार को 5500 से गिरकर 5180 तक आते देखा है। इसलिए मुझे नहीं लगता कि इस सेटलमेंट में यह एकबारगी बहुत ज्यादा ऊपर जाएगा। फिजिकल सेटलमेंट का नियम दर्शाता है कि निवेशक ऊंचे भावों पर खरीद करके फंसे हुए हैं, जबकि भाव अभी नीचे चल रहे हैं। इसलिए बाजार चलानेवाले उस्ताद लोग कोशिश ही नहीं, बल्कि सुनिश्चित करेंगे कि बाजार और गिरे ताकि सेटलमेंट के दिन वे भावों के अधिक से अधिक अंतर से माल काट सकें।

यह स्थिति दो ही सूरत में बदल सकती है। एक, अगर 5200 पर काफी ज्यादा शॉर्ट पोजिशन बन गई हैं तो नोट बनाने का मौका मिल सकता है बशर्ते निफ्टी वापस 5400 से 5500 के स्तर तक पहुंच जाए। दो, रोलओवर में अब पांच दिन बचे हैं। अब सारा कारोबार रोल्स को ध्यान में रखते हुए होगा जो बहुत हद तक अलग-अलग स्टॉक की मार्केट पोजिशन पर निर्भर है। रोल्स के चलते बाजार फिर से 5400 पर पहुंच सकता है। लेकिन वो वहां टिकेगा या नहीं, यह फिलहाल कह पाना मुश्किल है।

मैं बहुत शिद्दत से आपसे गुजारिश करता हूं कि कृपया फ्यूचर्स में तभी ट्रेड करें जब बहुत जरूरी हो। अन्यथा, बस, इंतजार करें और बाजार की चाल पर नजर रखें।

आपका अपना रास्ता है। मेरा अपना रास्ता है। जहां तक एकदम सही, सटीक रास्ते का ताल्लुक है तो ऐसा कोई रास्ता है नहीं।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। यह मूलत: सीएनआई रिसर्च का फीस-वाला कॉलम है, जिसे हम यहां मुफ्त में पेश कर रहे हैं)

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