ट्रेडर तो यहां-वहां उछलते बंदर हैं

पानी की कीमत तो प्यासा ही जानता है। उसी तरह ज्ञान की असली जरूरत और भूख निवेशक समझता है। ट्रेडर की तुलना तो अधिक से अधिक उस बंदर की जा सकती है जो इस डाल से उस डाल, इस पेड़ से उस पेड़ पर फुदकता रहता है। वे तो उन बेचारे देहाती लोगों की तरह है जिनके पास दिन के आखिर में बस पैसा होता है और कुछ नहीं।

सेरा, एस्ट्रा, एलएमएल, गिलैंडर… और क्या चाहिए हमें खुद को साबित करने के लिए? हां, आपके पास जो सूचनाएं अभी तक मुफ्त में आ जाया करती थीं, अब वे रुक गई हैं और अब आप अनजान वीराने में भटक रहे हो। अगर आपको किसी स्टॉक को अच्छी तरह जानना-समझना है तो आपको हमारी रिपोर्ट खरीदकर खुद को शिक्षित करना होगा। हम गारंटी के साथ कह सकते हैं कि कोई भी एफआईआई ब्रोकर वीआईपी इंडस्ट्रीज में 34 रुपए (बाजार पूंजीकरण/मार्केट कैप 65 करोड़ रुपए) पर खरीद की रिपोर्ट लाने की हिम्मत नहीं करेगा। कंपनी के फंडामेंटल्स में कोई फर्क नहीं पड़ा है और महज आरजे के आने से यह स्टॉक 340 रुपए पर पहुंच गया (आपको भले ही इसका पता अब चला हो, लेकिन आरजे इसमें 95 रुपए पर ही उतर गए थे)। मुझे अच्छी तरह पता है कि अब बहुत सारी रिपोर्टें आएंगी कि यह 450, 500, 600 और इससे ऊपर भी जा सकता है। इससे इस स्टॉक में सिर्फ बेकार की उठापटक होगी।

मुझे ऐसी बात लिखने में कोई हिचक नहीं है क्योंकि हमारे बेरहम उद्योग में यही सब कुछ हो रहा है। हिंदुस्तान ऑयल को हमने 40 रुपए पर पकड़ा था और पूरी दुनिया इसको लेकर तब चौकन्नी हुई जब यह 400 रुपए पर पहुंच गया था। उस वक्त मैंने आपसे कहा था कि यह बहुत हाथों में जा चुका है। उसके बाद यह स्टॉक कभी भी ठीक से नहीं चला। स्टील स्ट्रिप्स इंफ्रा का विलय अपने ही समूह की कंपनी सैब इंडस्ट्रीज में हो रहा है। सैब के पास पांच लाइसेंस, मॉल और कई हेक्टेयर जमीन जैसी भारी संपदा है। इस विलय के बाद यह स्टॉक सचमुच हवा से बातें कर सकता है। असल में, सैब को चंडीगढ़ से 2170 करोड़ रुपए का एक सड़क कांट्रैक्ट मिला है।

सैब इंडस्ट्रीज की तुलना उत्तर भारत में डीएलएफ से की जा सकती है। यही वह वक्त है जब आप 22 रुपए के आसपास चल रहे स्टील स्ट्रिप्स इंफ्रा में सोचा-समझा जोखिम उठा सकते हैं। विलय हो गया तब तो यह शेयर न जाने कहां पहुंच जाएगा। अब चूंकि इस स्टॉक के साथ हमारे निजी स्वार्थ जुड़े हैं, इसलिए इसके बारे हम ज्यादा कुछ नहीं कह सकते। वजह आप समझ ही सकते हैं। खैर, हमारी अगली सनसनी गल्फ ऑयल है और ऐसा क्यों है, इसे हम बहुत जल्द जारी होनेवाली अपनी रिपोर्ट में बताएंगे। एस्ट्रा और गिलैंडर मिड कैप में हमारे चुनिंदा स्टॉक रहे हैं और ऐसी बहुत-सी कॉल आप केवल सीएनआई से पा सकते हैं।

निफ्टी में अब धमाका होने को है क्योकि बाजार में आज का उतार-चढ़ाव आखिरी रुकावट था। इसमें पहला लक्ष्य 5370 अंक का है। इसके बाद इसे 5400 तक पहुंचने में थोड़ी मुश्किल आएगी। लेकिन इसके बाद तो धन के लिए आपको किसी ब्लॉकबस्टर की जरूरत होगी ताकि आप बाजार के लिए भी ऐसा कुछ कर दिखाएं।

सबसे बड़ा तोहफा, जो हम एक-दूसरे को दे सकते हैं, वह यह है कि हम एक-दूसरे की अहमियत समझें, उन्हें सम्मान दें और पूरा ख्याल रखें।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)

2 Comments

  1. जादूगरों और मदारियों की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं. क्या हो क्या गया है आपलोगों को? जिस भाषा का इस्तेमाल किया है आप लोगों ने उसकी वजह से लगा ही नहीं कि कोई इक्विटी एनालिस्ट कुछ कह रहा है. लगा जैसे मुहल्लों में बन्दर लेकर घूमने वाला कोई मदारी हो. एक ऐसी कंपनी का स्टॉक रेकेमंड कर रहे हैं जिसका साल भर का इनकम २ करोड़ है. ऊपर से तुर्रा ये कि सोचा-समझा जोखिम उठा सकते हैं? ऐसी कंपनी में सोचा-समझा जोखिम का क्या मतलब है जी?

  2. Totally bull shit.This Rs 2170 Cr order??????
    r u jocking , i am afraid if the whole chandigarh’s budget is comprising of this figure.
    please advise sensibly as now a days all yr recomm r not upto the mark.
    rather u sud advise on some potential psu candidates like Andrew Yule, Tide Water Oil, Scooters india, Madras Fertilisers etc etc etc…..

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