बाद में न कहना कि गिनाया नहीं था!

यहां तक कि अमेरिकी बाजार भी करीब 330 अंक उठने के बाद अंत में 147 अंकों की बढ़त लेकर बंद हुआ। लेकिन अपना शेयर बाजार सपाट खुला और मुनाफावसूली के चलते गिरता चला गया। या, इसे आप रोलओवर का असर भी मान सकते हैं। निफ्टी 0.51 फीसदी की गिरावट के साथ 4945.90 पर बंद हुआ, जबकि 0.47 फीसदी की गिरावट के साथ 16,446.02 पर। यूं तो निफ्टी के 4860 तक गिरने के आसार अब भी बने हुए हैं, लेकिन कल इसके 5100 तक चले जाने की भी गुंजाइश है। कोई भी बहुत आसानी से अंदाजा लगा सकता है कि इसकी वजह सेटलमेंट की समाप्ति से जुड़े लटके-झटके होंगे।

सेबी ने सर्कुलर जारी किया है कि मर्चेंट बैंकरों को अपने द्वारा संचालित आईपीओ का ट्रैक रिकॉर्ड बताना होगा। हो सकता है कि इससे आईपीओ से जुड़ी समस्या हल हो जाए। इस बारे में हर किसी के अपने विचार हैं। मेरा मानना है कि इससे समस्या तो कतई नहीं हल होनेवाली है। इनवेंचर ग्रोथ एंड सिक्यूरिटीज को आईपीओ के नए ऑपरेटरों ने चलाया और सारी दुनिया को यह बात पता है। अब पीजी इलेक्ट्रोप्लास्ट के बारे में मैने सुना है कि उसमें आईपीओ का वो पुराना मास्टर चालबाज, फिर से वापस आ गया है, जिस पर सेबी ने किसी समय रोक लगा दी थी। और, ऐसा होगा भी क्यों नहीं? उन्होंने नोट बनाने का सबसे आसान धंधा जो पकड़ रखा है। फिर, वे जिस तरह से काम करते हैं, उसमें उन पर हाथ रख पाना बेहद कठिन है।

पीजी इलेक्ट्रोप्लास्ट इस हफ्ते सोमवार, 26 सितंबर को 177 रुपए पर लिस्ट हुआ। पहले ही दिन इसे 490 रुपए तक चढ़ा दिया गया। अगले ही दिन यह 20 फीसदी गिर गया। आज यह फिर 548 रुपए तक चढ़ने के बाद कल से भी 20 फीसदी नीचे आकर 395.20 रुपए पर थम गया। कौन साबित कर सकता है कि बाजार ने इसका 548 रुपए का जो मूल्य निकाला है, वह सही बाजार मूल्य नहीं है? यह शुद्ध रूप से जोड़तोड़ व धांधली है। जब सामान्य निवेशक नोवार्टिस के 40 शेयर या सिम्फनी के 100 शेयर खरीदता है तो ब्रोकर उसे चिट्ठी भेजकर पूछता है कि प्रवर्तक के साथ उसके क्या रिश्ते हैं, सर्कुलर ट्रेडिंग में उसकी क्या भूमिका है और उसके निवेश का उद्देश्य क्या है, वगैरह-वगैरह। दूसरी तरफ जो लोग आईपीओ के खेल में लाखों के वारे-न्यारे करते हैं, वे मौज करते रहते हैं।

सेबी जब तक आईपीओ के जुगाड़-तंत्र में काम करनेवाले कुछ लोगों को पकड़ती है, तब तक वे अपना डीमैट एकाउंट व ट्रेडिंग एकाउंट बंद करा चुके होते हैं और केवाईसी (नो योर कस्टमर) का कोई मतलब नहीं रह जाता। ये लोग हर आईपीओ में अपने खाते बदलते रहते हैं। इसका केवल एक ही समाधान है कि 2 लाख रुपए के हर आवेदन के साथ म्यूचुअल फंड निवेश की तरह आयकर विभाग का एआईआर (सालाना आय रिटर्न) देना अनिवार्य कर दिया जाए। इससे समस्या अपने-आप सुलझ जाएगी। आप आयकर विभाग से इतनी आसानी से नहीं बच सकते।

इस महीने करीब 10 से 12 आईपीओ आने हैं। इनमें से ज्यादातर आईपीओ बेकार हैं और लगता है कि इन्हें पहले से ही ऑपरेटरों को बेच दिया गया है। इनका भी हश्र इनवेंचर ग्रोथ या पीजी इलेक्ट्रोप्लास्ट जैसा होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। मेरी सलाह है कि आप सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (पीएसयू) के अलावा बाकी सभी आईपीओ से दूर रहें। बाकी आपकी मर्जी। हालांकि मैं जानता हूं कि मेरी बात आप में से बहुतों के कान के ऊपर से गुजर जाएगी क्योंकि आप तुरत-फुरत पैसा बनाने के चक्कर में नई लिस्टिंग के दिन खेलने के आदी हो गए हैं।

खैर, मेरा मानना है कि अक्टूबर में बाजार में अच्छी सक्रियता दिखेगी। आपको दिए गए अपने पिछले लक्ष्य पर मैं कायम हूं। यही वक्त है जब आप अच्छे स्तरीय स्टॉक्स को चुनकर उन्हें खरीद लें। मुझे लगता है कि डीएलएफ, एडुकॉम्प, रिलायंस इंडस्ट्रीज, आरआईआईएल, बीएफ यूटिलिटीज, एसबीआई, एसीसी, भेल, लार्सन एंड टुब्रो, पिपावाव शिपयार्ड, इनफोसिस, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, महिंद्रा एंड महिंद्रा और मारुति सुजुकी इस समय ए ग्रुप के सबसे शानदार पत्ते हैं। वहीं बी ग्रुप के सबसे ज्यादा संभावनामय स्टॉक्स हैं – बीएएसएफ, केन्नामेटल, नोवार्टिस, सिम्फनी, आशियाना हाउसिंग, क्लैरिएंट केमिकल्स, लॉयड स्टील, गुडईयर, टिमकेन, स्पाइसजेट, सनफ्लैग आइरन और आंध्रा पेट्रो।

जिन स्टॉक्स से पूरी तरह बचना चाहिए, वे हैं – वीआईपी इंडस्ट्रीज, टीटीके प्रेस्टिज, पेज इंडस्ट्रीज और जुबिलेंट फूड्स। इसके अलावा फार्मा सेक्टर व टेलिकॉम सेक्टर के शेयरों से भी दूर रहना मुनासिब होगा। मेरी राय में ये सभी स्टॉक्स व सेक्टर वाकई इस समय काफी ऊंचे चढ़ गए हैं। इनके डाउनग्रेड किए जाने का भारी खतरा है और ऐसा होने पर रिटेल निवेशकों को तगड़ी चपत लग सकती है।

चालाक व्यक्ति समस्या का समाधान निकालता है। बुद्धिमान व्यक्ति समस्या से बचकर रहता है और उसकी नौबत ही नहीं आने देता।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। यह मूलत: सीएनआई रिसर्च का पेड-कॉलम है, जिसे हम यहां मुफ्त में पेश कर रहे हैं)

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