पहले स्वराज माज़्दा थी। इस साल 4 जनवरी से एसएमएल इसुज़ु हो गई। पहले स्वराज ब्रांड था। अब एसएमएल और इसुज़ु हो गया है। बस, ट्रक व अन्य व्यावसायिक वाहन बनाती है। भारत के अलावा नेपाल, बांग्लादेश, केन्या, तंजानिया, रवांडा, सीरिया व जॉर्डन जैसे तमाम देशों में अपने वाहन बेचती है। 1984 में सरकारी कंपनी पंजाब ट्रैक्टर्स व जापान की माज़्दा कॉरपोरेशन व सुमितोमो कॉरपोरेशन से साथ मिलकर शुरुआत की। फिलहाल सुमितोमो कॉरपोरेशन की सब्सिडियरी है क्योंकि कंपनी की इक्विटी में उसकी 54.96 फीसदी हिस्सेदारी है।
एसएमएल इसुज़ु का दस रुपए अंकित मूल्य का शेयर कल बीएसई (कोड – 505192) में 381 रुपए और एनएसई (कोड – SMLISUZU) में 378.05 रुपए पर बंद हुआ है। अगस्त महीने में ऊपर में 425 रुपए और नीचे में 325.05 रुपए तक टहला था। इस महीने 8 सितबंर को 419.95 रुपए तक जाने के बाद नीचे उतरा है। पिछले पांच सालों का उच्चतम स्तर 444.80 रुपए है जो उसने 21 दिसंबर 2010 को हासिल किया था। 52 हफ्ते का उसका न्यूनतम स्तर 296.30 रुपए का है जहां वह साल भर पहले 23 सितंबर 2010 को पहुंचा था। सोचें कि उस दिन किसी ने उसका शेयर न्यूनतम भाव पर खरीदा होता और 21 दिसंबर 2010 को अधिकतम भाव पर बेचा होता तो उसने 50 फीसदी से ज्यादा रिटर्न पा लिया होता।
खैर, सबसे सस्ते में खरीदकर सबसे महंगे में बेचना सोचने तक सही है, व्यवहार में संभव नहीं होता। फिलहाल हम इतना कह सकते हैं कि एसएमएल इसुज़ु बुनियादी तौर पर मजबूत कंपनी है। इसमें विकास की काफी संभावनाएं हैं। फिलहाल इसमें डिलीवरी आधारित खरीद चल रही है। कल बीएसई में ट्रेड हुए इसके 2460 शेयरों में से 2426 शेयर यानी 98.62 फीसदी डिलीवरी के लिए थे। इसी तरह एनएसई में ट्रेड हुए 257 शेयरों में 195 या 75.80 फीसदी डिलीवरी के लिए थे। जाहिर है कि संजीदा किस्म के निवेशक इसे खरीद रहे हैं। लेकिन अपने यहां संजीदा निवेशकों की संख्या कम है तो वोल्यूम भी इसमें कम है।
बीते वित्त वर्ष 2010-11 में कंपनी ने 903.86 करोड़ रुपए की बिक्री पर 36.56 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया था और उसका सालाना ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 25.3 रुपए था। चालू वित्त वर्ष 2011-12 की जून तिमाही में उसकी बिक्री 20.90 फीसदी बढ़कर 237.20 करोड़ रुपए और शुद्ध लाभ 94.12 फासदी बढ़कर 9.90 करोड़ रुपए हो गया। कंपनी का ठीक पिछले बारह महीनों (टीटीएम) का ईपीएस फिलहाल 28.58 रुपए है। इस तरह उसका शेयर फिलहाल 13.33 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। जानकारों का कहना है कि थोड़ा और नीचे 350 रुपए के आसपास चला जाए तो इसे खरीद लेना चाहिए। यह ऐसा स्टॉक है जिसे दस साल के लिए खरीदा जा सकता है।
कंपनी की 14.48 करोड़ रुपए की इक्विटी में फिलहाल सुमितोमो कॉरपोरेशन का प्रमुख हिस्सा है। लेकिन नियंत्रण इसुज़ु के पास है, जबकि उसके पास केवल 4 फीसदी शेयर हैं। असल में कंपनी के बड़े शेयरधारकों में रिलायंस कैपिटल (8.96 फीसदी), प्राइवेट इक्विटी फर्म एक्टिस एग्रीबिजनेस और सीडीएस फाइनेंशियल सर्विसेज मॉरीशस (6.72 फीसदी) शामिल हैं। लेकिन अंततः होना यह है कि सुमितोमो इससे निकल जाएगी और पूरा का पूरा नियंत्रण इसुज़ु के पास आ जाएगा।
कंपनी का लक्ष्य इस साल अपनी बिक्री 1100 करोड़ रुपए पर पहुंचा देना है। उसकी योजना इस साल एसएमएल ब्रांड के 15,000 और इसुज़ु ब्रांड के 400 वाहन बनाने की है। पिछली पांच तिमाहियों में कंपनी की आय औसतन 24 फीसदी और परिचालन लाभ 30 फीसदी की रफ्तार से बढ़ा है। भविष्य उज्ज्वल है। हां, कंपनी दिल खोलकर लाभांश देती रही है। इस साल 2010-11 के लिए उसने दस रुपए पर 8 रुपए यानी 80 फीसदी लाभांश दिया है। पिछले साल लाभांश की दर 40 फीसदी थी।