प्राइस वॉटरहाउस ने सेबी को पलझा डाला

सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज (अभी की महिंद्रा सत्यम) के खातों में 7136 करोड़ रुपए की भयंकर घपलेबाजी जब हुई थी, तब उसके ऑडिट का काम अंतरराष्ट्रीय स्तर की फर्म प्राइस वॉटरहाउस देख रही थी। देश के कॉरपोरेट जगत को हिला देनेवाले इस घोटाले में पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी ने प्राइस वॉटरहाउस के खिलाफ पहला कारण बताओ नोटिस 14 फरवरी 2009 को जारी किया था और मामले की सुनवाई 30 मार्च 2010 को शुरू हुई थी। लेकिन प्राइस वॉटरहाउस किसी न किसी बहाने नई तारीख लेती रही, मामले को टालती रही और अब उसने सेबी को इतना थका डाला है कि उसकी फालतू किस्म की मांग भी आंशिक रूप से सेबी को स्वीकार करनी पड़ी है।

बुधवार को सेबी के पूर्णकालिक सदस्य एम एस साहू ने जारी किए गए 14 पेज के आदेश में इस मामले की ब्योरेवार जानकारी दी है। बताया है कि कैसे-कैसे बेतुके तर्क प्राइस वॉटरहाउस के ‘विद्वान’ वकील की तरफ से पेश किए गए हैं। बता दें कि प्राइस वॉटरहाउस पहले तो इस बात पर लड़ती रही कि चार्टर्ड एकाउंटेंट फर्म होने के नाते वह आईसीएआई (इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया) के अधीन आती है और सेबी को उससे कुछ पूछने का हक नहीं बनता। इसको लेकर वह बॉम्बे हाईकोर्ट में चली गई। लेकिन हाईकोर्ट ने 13 अगस्त 2010 को उसकी याचिका ठुकरा दी।

इसके बाद प्राइस वॉटरहाउस ने सुप्रीम कोर्ट में जाने के बहाने सेबी की सुनवाई पहले छह हफ्ते आगे बढ़वाई। फिर इसके बाद भी दो बार तारीख आगे बढ़वाई, यह कहकर उसके वकील उपलब्ध नहीं हैं। आखिरी तारीख 27 नवंबर 2010 को थी। अब और कोई बहाना नहीं मिला तो उसके वकील ने कह दिया कि उन्हें इस मामले में सत्यम के प्रवर्तक रामलिंगा राजू व उनके सहयोगियों समेत करीब बीस लोगों को क्रॉस-एक्जामिन करना है। मजे की बात यह है कि इनमें से आठ तो उनके अपने कर्मचारी रहे हैं जिनके पते-ठिकाने के बारे में वह खुद कुछ जानकारी देने को तैयार नहीं है।

प्राइस वॉटरहाउस के इस रवैये के बावजूद सेबी उसका अनुरोध आंशिक रूप से मानने को तैयार हो गई है। हालांकि उसने आठ महीने से चल रही सुनवाई का कोई नतीजा न निकलने पर अपनी खीझ भी जताई है। सेबी के पूर्णकालिक सदस्य एम एस साहू की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि प्राइस वॉटरहाउस के वकील इस मामले में कुल आठ लोगों – सत्यम के पूर्व अधिकारियों जी रामकृष्ण, वेंकटपति राजू धनतुलुरी, वी वी के राजू व श्रीनिवास के अनापु और प्राइस वॉटरहाउस के कर्मचारियों पी एस सुधाकर, मद्दुरी एन वी गायत्री, संवित दुर्गा व गिरीश बी के तल्लम को क्रॉस-एक्जामिन कर सकते हैं। बाकी किसी और को नहीं।

सेबी की तरफ से क्रास-एक्जामिनेशन की तारीख, समय और जगह की सूचना प्राइस वॉटरहाउस को दे दी जाएगी और इसे किसी भी सूरत में टाला नहीं जाएगा। इसके बाद सेबी जरूरत पड़ी तो पूरे मामले की फिर से जांच-पड़ताल कर सकती है और उसके मुताबिक अपना अंतिम फैसला सुनाएगी। बुधवार के आदेश में क्रास-एक्जामिनेशन की तारीख वगैरह की जानकारी नहीं दी गई है।

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